मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

23 दिसंबर 2010

गुड़गांवःराजकीय प्राथमिक पाठशाला,भौंडसी में विद्यार्थी करते हैं टॉयलेट साफ

भौंडसी स्थित राजकीय प्राथमिक पाठशाला में पढ़ने वाले बच्चों को बेशक अभी एचआईवी के मायने न पता हो लेकिन यहां के अध्यापकों का रवैया उन्हें हर पल सामान्य बच्चों से कमतर होने का अहसास करवाता है। यहां पढ़ रहे १६ एचआईवी पीड़ित बच्चों का कहना है कि अध्यापक उनसे स्कूल का टॉयलेट साफ करवाते हैं। हैरानी की बात यह है कि इस मामले की भनक शिक्षा विभाग के अधिकारियों को नहीं है। ये मासूम बच्चे सात से १२ साल की आयु के हैं। इनका आरोप है कि स्कूल प्रशासन उनके साथ भेदभाव वाला रवैया अपना रहा है। इन बच्चों को स्कूल में दाखिल करवाने वाले गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) द्रोणा फाऊंडेशन की सुनीता गुप्ता का आरोप है कि ये बच्चे स्कूल से लौटकर अपने साथ हो रहे व्यवहार के बारे में बताते हैं। उनका कहना है कि स्कूल के अध्यापक उनसे न सिर्फ स्कूल का टॉयलेट साफ करवाते हैं बल्कि सारे स्कूल परिसर में झाड़ू लगवाते हैं। उनका आरोप है "स्कूल के टीचर इन बच्चों के ऊपर ताने कसते हैं। इन्हें यहां तक कहा जाता है कि तुम तो एडस से पीड़ित हो, बेकार ही पढ़ रहे हो कुछ दिनों बाद तो तुम्हें मर ही जाना है।" उनके अनुसार स्कूल अध्यापक इन बच्चों को बीमारी कहकर बुलाते हैं। स्कूल में दूसरे बच्चों के आसपास इन्हें फटकने भी नहीं दिया जाता। इसलिए इन बच्चों में हीन भावना आ रही है। काफी समय से बच्चे संकोची से हो गए हैं।


उनका कहना है कि पहले ये सभी बच्चे डीपीएस माヒतिकुंज में पढ़ते थे, लेकिन कुछ समय पर पूर्व इन्हें वहां से भी निकाल दिया गया था। इस स्कूल से निकाले जाने के कारण सभी बच्चों का एक साल बर्बाद हो गया। इसके बाद इन्हें भौंडसी स्थित सरकारी स्कूल में दाखिल करवाया गया। डीपीएस माヒतिकुंज की प्रिंसीपल रचना पंडित का कहना है कि हमारे स्कूल के अध्यापक एचआईवी पीड़ित बच्चों को पढ़ाने के लिए प्रशिक्षित नहीं हैं। उनका कहना है कि बेशक ही कोई घटना न घटे या बीमारी न फैले लेकिन इसकी आशंका तो रहती ही है। उनके अनुसार स्कूल के अध्यापक व अभिभावक भी इससे इस्तेफाक नहीं रखते।

जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी जगबीर सिंह मलिक का कहना है कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। स्कूल में यदि ऐसा हो रहा है तो यह घोर अपराध है। गुヒवार को इसकी पूरी जानकारी जुटाकर मामले की गहराई से जांच की जाएगी। अध्यापक दोषी पाए गए तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी(नई दुनिया,दिल्ली,23.12.2010)।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।