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03 दिसंबर 2010

जयपुर विकास प्राधिकरणःमृतक को वेतन, सेवारत को पेंशन

जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) में किस कदर लापरवाही से काम होता है, इसका नमूना उस समय सामने आया जब एक मृत कर्मचारी का वेतन दो महीने तक उसके बैंक खाते में जमा होता रहा, जबकि एक अन्य कर्मचारी को रिटायर मानकर वेतन रोक लिया गया। यह कर्मचारी अगले साल रिटायर होगा।

जेडीए के जोन 9 में कार्यरत निजी सचिव जगदीश नारायण मीणा की दो महीने पहले कैंसर से मौत हो गई थी। जेडीए के कर्मचारी व लेखा शाखा के अधिकारी उसकी श्रद्धाजंलि सभा में शामिल हुए थे।

लेखा शाखा में तो उसके परिजनों को मृतक आश्रित के लाभ देने की कार्रवाई शुरू हो गई, लेकिन इसके बावजूद उसके बैंक खाते में अक्टूबर और नवंबर के वेतन मद में 68 हजार रुपए जमा हो गए।


दूसरा मामला चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी फतेह मोहम्मद का है। वे नंवबर 2011 में रिटायर होंगे, लेकिन जेडीए की लेखा शाखा ने उन्हें एक वर्ष पहले ही रिटायर मानकर वेतन रोक दिया। मामलेका खुलासा तब हुआ,

जब दिसंबर का वेतन नहीं मिलने पर फतेह मोहम्मद ने लेखा शाखा में संपर्क किया। जांच मे खुलासा हुआ कि जगदीश नारायण का दो महीने का वेतन उसके खाते में जमा कर दिया गया था।

राशि लौटाने के लिए बैंक को पत्र लिखा
जेडीए के लेखाधिकारी (भुगतान) आर.डी. गुप्ता से बात की गई तो उन्होंने गलती स्वीकार करते हुए कहा कि जगदीश नारायण का वेतन वापस करने के लिए बैंक को पत्र लिख गया है। फतेह मोहम्मद का वेतन जारी कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि संबंधित कर्मचारी की मृत्यु की सूचना नहीं मिली थी(संजय सैनी,दैनिक भास्कर,जयपुर,3.12.2010)।

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