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27 दिसंबर 2010

दसवीं प्री बोर्ड परीक्षा में अच्छे प्रदर्शन के आसान टिप्स

दसवीं और बारहवीं के छात्र और छात्राओं के लिए बोर्ड परीक्षा का समय अब काफी निकट आता जा रहा है। स्कूलों के सिलेवस अब लगभग समाप्ति की ओर हैं और प्री-बोर्ड की परीक्षाओं की प्रक्रिया अधिकांश स्कूलों में अब जोर-शोर से चल रही है। हां, इस वर्ष दसवीं में बोर्ड परीक्षा की अनिवार्यता की समाप्ति के बाद बड़ी तादाद में छात्रों और अभिभावकों को बोर्ड के तनाव से नहीं गुजरना पड़ रहा है। इस छूट का फायदा उठाते हुए इस वर्ष दसवीं में पढ़ने वाले लगभग ९ लाख बच्चों में से लगभग ६ लाख ने बोर्ड एग्जाम में नहीं बैठने का विकल्प चुना है। ये छात्र स्कूलों द्वारा आयोजित की जाने वाली दसवीं की परीक्षा में ही शामिल होंगे। हालांकि अब भी लगभग ३ लाख छात्र ऐसे हैं जिन्होंने बहादुरी दिखाते हुए बोर्ड के फॉर्म भरे हैं और गंभीरता से इसकी तैयारी में जुटे हुए हैं।

सीबीएसई की इस छूट के बावजूद दसवीं के छात्रों के लिए प्री-बोर्ड की परीक्षा देना अनिवार्य है। इसका आयोजन संबंधित स्कूलों द्वारा ही किया जाता है। इसमें बेहतर प्रदर्शन करना न सिर्फ स्कूली रिकॉर्ड के लिए जरूरी हो जाता है बल्कि अपने आत्मविश्वास को मजबूती प्रदान करने के लिए भी यह अत्यंत आवश्यक है। इतना ही नहीं दसवीं के सिलेबस को आगे की शिक्षा के बेस के रूप में भी देखा जाना चाहिए क्योंकि आगे की समस्त पढ़ाई और प्रतियोगी परीक्षाएं काफी हद तक इन्हीं कॉन्सेप्ट्स पर आधारित होती हैं। अगर यही आधार कमजोर रह गया तो जीवन भर उस विषय को समझने में परेशानी होनी निश्चित है। वैसे अगर बोर्ड एग्जाम की बात नहीं भी करें तो भी इस परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करने का दबाव तो गंभीर छात्रों पर बना ही रहता है। इसके अलावा दसवीं के नतीजों से ही ११वीं के शिक्षा की धारा तय होती है यह भी नहीं भूलना चाहिए।


समय तो अब बिलकुल नहीं के बराबर ही बचा हैऔर प्री-बोर्ड की परीक्षाएं सिर पर आ चुकी हैं। इसमें सभी के लिए शामिल होना भी जरूरी है। तो आइए बात करें कि इस समय किस तरह की रणनीति अपनाई जाए कि प्री-बोर्ड में बेहतर अंक बटोरे जा सकें। इसी बाबत नीचे कुछ व्यावहारिक टिप्स देने के प्रयास किए गए हैं:

१. क्लास में पढ़ाए गए विषयों के नोट्स और प्रत्येक अध्याय से संबंधित प्रश्नों के उत्तरों का गंभीरतापूर्वक अध्ययन कर लें।

२. एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों को ही परीक्षा का आधार बनाएं। सहायक पुस्तकों का प्रयोग सिर्फ उत्तर तैयार करने तक सीमित रखें।

३. सुबह के समय का भरपूर उपयोग करने से अतिरिक्तलाभ होगा क्योंकि ताजगी के साथ पढ़ाई करने से कठिन से कठिन विषय भी आसानी से समझ में आ जाएगा।

४. पढ़ाई के लिए नियमित अभ्यास करने के अलावा कोई अन्य सफलता का शॉर्ट कट नहीं है। एनसीईआरटी के प्रत्येक अध्याय के उदाहरण हल करने के बाद ही दी गई प्रश्नावली हल करें।

५. साइंस और सोशल साइंस के प्रश्नों के उत्तर स्वयं लिखकर अध्यापकों को दिखाने से न सिर्फ गलतियों का पता चलता है बल्कि बेहतर तरीके से उत्तर लिखने के टिप्स भी मिल जाते हैं जिससे ज्यादा अंक प्राप्त हो सकें।

६. प्रेक्टिकल की परीक्षा में शत-प्रतिशत अंक लाने कोई मुश्किल नहीं है। बशर्ते कि आपने अध्यापकों के समक्ष अच्छी छवि बनाई हुई हो और प्रेक्टिकल की कॉपी तैयार की हुई हो। इसके अलावा कम से एक बार सारे प्रेक्टिकल खुद जरूर कर लें।

७. महत्वपूर्ण विषयों पर ज्यादा जोर दिया जा सकता है अगर टीचर ने ऐसा कोई कोई हिंट दिया है।

८. प्रयास करें कि किसी भी विषय में कोई टॉपिक अनछुआ नहीं रह जाए। हां, अगर समय नहीं बचा है तो नए विषय की शुरुआत तो बिलकुल नहीं करें। ऐसे में पुराने विषय को ही दोबारा मजबूत कर लें।

९. रीविजन के लिए इस समस्त रणनीति में पर्याप्त समय रखें।

१०. मॉक टेस्ट के लिए प्रत्येक सब्जेक्ट के कम से कम ५-५ पेपर्स अवश्य निर्धारित समय सीमा में हल करें।

११. जरूरत महसूस हो तो अपनी क्लास के मेधावी सहपाठी या संबंधित विषय के अध्यापक की हेल्प लेने में संकोच न करें। चुने हुए विषयों को ही उनके पास ले जाएं।

१२. परीक्षा में आने वाले प्रश्न पत्रों के पैटर्न को भलीभांति समझने के बाद अध्ययन की रणनीति बनाना ज्यादा तर्कसंगत होगा।

१३. अध्ययन के लिए अनुशासित समय सारिणी अत्यंत जरूरी है। इसके बिना समय का सदुपयोग ठीक से कर पाना मुश्किल होगा। इसमें कम से कम आठ घंटे की नींद और प्रत्येक घंटे की पढ़ाई के बाद दस मिनट का ब्रेक जरूर रखें। एक बैठक की पढ़ाई को ज्यादा लंबा नहीं बनाएं। इससे थकावट महसूस नहीं होगी और समझने में भी आसानी होगी।

१४. पूरे दिन की पढ़ाई का रोजाना सोने से पहले एक बार रीविजन अवश्य कर लें।

१५. पढ़ाई करते समय लिखकर याद रखने की आदत का अतिरिक्तफायदा मिलेगा। इससे एक तो ध्यान नहीं भटकेगा, यह कि लिखने की स्पीड बढ़ेगी जो परीक्षा के समय काम आएगी।

उम्मीद की जा सकती है कि इन छोटी और आसान सी टिप्स की बदौलत आप कम से कम १५ से २५ प्रतिशत तक एक्स्ट्रा मार्क्स अपने रिजल्ट में आराम से जोड़ सकेंगे। तो अब देर किस बात की जुट जाइए इस प्री-बोर्ड में अच्छा प्रदर्शन कर आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए जिसका लाभ अंतिम परीक्षा में अवश्य मिलेगा

(अशोक सिंह,नई दुनिया,दिल्ली,27.12.2010)

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