इंतजार आखिर अब खत्म हुआ। पांचवें वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद बढ़े वेतनमान का 43 महीनों का बकाया देने के लिए पंजाब सरकार ने सभी विभागों, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट और अन्य संबंधित संस्थानों को भेजे इस पत्र में कहा है कि संशोधित वेतनमान का भुगतान एक अप्रैल 2011 से किया जाएगा। कर्मचारियों को कुल बकाए का 40 फीसदी अप्रैल के वेतन के साथ एक मई 2011 को दिया जाएगा, जबकि शेष राशि की 30-30 फीसदी की दो किश्तें बनाकर उन्हें मई 2012 और एक मई 2013 को अदा की जाएगी।
यह भी स्पष्ट किया गया है कि कर्मचारियों को मिलने वाले बकाए का 50 फीसदी उनके जीपीएफ में डाला जाएगा, जबकि 50 फीसदी नगद दिया जाएगा। जिन कर्मचारियों पर न्यू रीस्ट्रक्चरड डिफाइंड कंट्रीब्यूटरी पेंशन योजना लागू होती है और उनके इस योजना के अधीन अभी खाते नहीं खुले हैं उनका 50 फीसदी हिस्सा नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट या किसान विकास पत्र में निवेश किया जाएगा, जो पंजाब के डाकघरों से कर्मचारियों के नाम पर खरीदे जाऐं। बाकी राशि उन्हें नगद दी जाएगी।
यदि इसी बीच किसी कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है तो कर्मचारी को मिलने वाला पूरा बकाया उनके वारिसों को अदा कर दिया जाएगा। जिन कर्मचारियों का बकाया ही मात्र 5000 रुपए तकबनता है उन्हें एक बार ही मई 2011 में मिलने वाले वेतन के साथ ही पूरा बकाया दिया जाएगा।
काबिले गौर है कि कर्मचारियों और पेंशनर्स का 43 महीने का बकाया लगभग 7200 करोड़ रुपए बनता है। पांचवें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 अगस्त 2009 से लागू हो चुकी हैं और सभी को संशोधित वेतनमान के अनुसार वेतन दिए जा रहे हैं। दिक्कत यह आ रही है कि पिछले बकाया कैसे अदा किया जाए, क्योंकि राज्य की आर्थिक हालत अच्छी नहीं है। कई राज्यों ने उसी दिन से वेतनमान लागू किया है, जिस ने दिन से ये सिफारिशें मानी गई हैं। पंजाब सरकार ने इसे 2006 से देने का फैसला लिया, जिस कारण 7200 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ खजाने पर पड़ा है(इन्द्रप्रीत सिंह,दैनिक भास्कर,चंडीगढ़,27.12.2010)।
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