केंय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में व्यवस्था दी है कि जिस सरकारी कर्मचारी को सेवा के दौरान गलत तरीके से प्रोन्नति से वंचित कर दिया है, वह सेवानिवृत्ति के बाद भी उसके लाभों का दावा कर सकता है।
न्यायाधिकरण की वीना छोत्रे और शंकर राजू की खंडपीठ ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा, ‘यदि सरकारी कर्मचारी को गलत तरीके से प्रोन्नति से वंचित किया गया हो और वह सेवानिवृत्त हो गया है, तो भी उसे वह पिछली अवधि के लाभों के लिए दावा कर सकता है।’ न्यायाधिकरण ने वाणिज्य विभाग के दो सेवानिवृत्त कर्मचारियों-एम एस तिवारी और बी के गुलियानी की याचिका पर यह आदेश जारी किया जिन्होंने सेवानिवृत्ति के बाद पूर्व की अवधि के लिए सहायक निदेशक (आपूर्ति) के रूप में प्रोन्नति की मांग की थी।दोनों की दलील थी कि आवश्यकताओं और रिक्तियों के अनुसार वार्षिक आधार पर विभागीय प्रोन्नति समिति बना पाने में विभाग की विफलता से वे प्रोन्नति के अपने विभागीय अधिकार से वंचित हो गए और केवल इस आधार पर उन्हें प्रोन्नति से वंचित नहीं किया जा सकता है कि वे सेवानिवृत्त हो गए हैं(दैनिक ट्रिब्यून,दिल्ली,22.12.2010)।
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