मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

15 दिसंबर 2010

लखनऊ विवि शिक्षकों का पदनाम बदला

लखनऊ विश्वविद्यालय कार्यपरिषद ने शिक्षकों के पदनाम परिवर्तन संबंधी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की संस्तुति पर मुहर लगा दी है। लेक्चरर अब असिस्टेंट प्रोफेसर और रीडर अब एसोसिएट प्रोफेसर के नाम से जाने जाएंगे। लविवि प्रवक्ता प्रो. एसके द्विवेदी ने बताया कि प्रस्तावित पदनाम को लेकर राजभवन ने पहले ही स्वीकृति प्रदान कर दी थी। मंगलवार को हुई कार्यपरिषद में एक बार फिर हंगामा हुआ। वेतन वृद्धि और पद सृजन के मामले में कुलपति और संबंधित कार्य परिषद सदस्यों में काफी गहमागहमी हुई। हालांकि इन मामलों को स्वीकार नहीं किया गया। कार्यपरिषद ने तीन शिक्षकों की पदोन्नति पर मुहर लगा दी है। विधि के शिक्षक डॉ. आरआर लायल एवं डॉ. ओएन मिश्र और दर्शनशास्त्र विभाग की शिक्षिका कंचन सक्सेना को प्रोफेसर पर पदोन्नति की गई है। लखनऊ विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में अगली बार से पांच गोल्ड मेडल और जुड़ जाएंगे। कार्यपरिषद ने सर्वसम्मति से सहमति दे दी है। राजनीति विज्ञान में प्रो. गोपीनाथ धवन मेमोरियल गोल्ड मेडल शुरू किया गया है। इसी प्रकार चार अन्य विभागों में भी गोल्ड मेडल शुरू किये गए हैं। दो कॉलेजों की संबद्धता दस्तावेज अपूर्ण होने के कारण अगली कार्यपरिषद तक के लिए बढ़ा दी गई है। वित्त समिति के मुद्दों पर कार्य परिषद ने अनुमोदन कर दिया है। विदेशी छात्रों के शिक्षण शुल्क में वृद्धि की गई है। वहीं डीएसडब्ल्यू, प्रॉक्टर और प्रोवोस्ट से संबंधित सभी पदों के लिए दूरभाष राशि बढ़ा दी गई है। लुआक्टा अध्यक्ष डॉ.मौलीन्दु मिश्र ने महाविद्यालयों में भेजे जाने वाले विषय विशेषज्ञों के लिए 10,000 रुपये का शुल्क न लेने का अनुरोध किया था, इस पर कार्यपरिषद ने संस्तुति कर दी है। पेपर प्रकाशित नहीं करेंगे दो पेपर प्रकाशित करने के बाद शिक्षकों की पदोन्नति संबंधी निर्देशों को लखनऊ विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने स्वीकार नहीं किया है। इस संबंध में भेजी गई यूजीसी की गाइडलाइन पर कार्यपरिषद में सहमति नहीं बन सकी। इस मामले को राजभवन वापस कर दिया गया है(दैनिक जागरण,लखनऊ,15.12.2010)।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।