राज्य सरकार आरएएस और संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा प्रणाली में जल्द ही बदलाव करेगी। इस संबंध में सुझाव देने के लिए पांच सदस्यीय कमेटी बनाई गई है, जो एक माह में सरकार को रिपोर्ट देगी। कमेटी का अध्यक्ष राज्य लोक सेवा आयोग के सदस्य डॉ. परमेन्द्र कुमार दशोरा को बनाया गया है, जबकि कार्मिक विभाग के प्रमुख सचिव खेमराज संयोजक होंगे। बाकी सदस्यों में जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर के उप कुलपति प्रो. नवीन माथुर, कोटा विश्वविद्यालय के उप कुलपति डॉ. बी.एम. शर्मा और उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव तपेश पंवार शामिल किए गए हैं। कमेटी आयोग के प्रस्ताव पर बनाई गई है।
आयोग ने पिछले दिनों राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा था। इसमें आरएएस व अधीनस्थ सेवाएं संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा प्रणाली में बदलाव की जरूरत बताई गई थी। पिछले दिनों आयोग अध्यक्ष एमएल कुमावत ने कमेटी गठन पर मुख्यमंत्री का ध्यान आकृष्ट किया था। कमेटी की रिपोर्ट प्रश्न-पत्रों की संख्या कम करने के पक्ष में आई तो वर्ष 2011 में होने वाली संभावित आरएएस परीक्षा 2011 में अभ्यर्थियों को बड़ी राहत मिलेगी।
आरएएस में 5 प्रश्न पत्र ही रखना चाहता है आयोग
आयोग आरएएस भर्ती परीक्षा प्रणाली में प्रश्न पत्रों की संख्या 5 तक सीमित रखना चाहता है। अध्यक्ष कुमावत ने मुख्यमंत्री को यूपीएससी की तर्ज पर यह परीक्षा कराने का सुझाव भी दिया था। अभी इस परीक्षा के लिए करीब 80 प्रश्नपत्र होते हैं। आयोग को इतने प्रश्न-पत्र तैयार कराने में न केवल कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, बल्कि परीक्षा प्रक्रिया और परिणाम जारी करने की प्रक्रिया भी लंबी होती है।
कई विवाद अदालतों में
आयोग को दरअसल प्रश्न पत्र सीमित करने से स्केलिंग विवाद से छुटकारा मिल जाएगा। प्रश्न पत्र ज्यादा होने से आयोग परिणाम जारी करने के लिए स्केलिंग फामरूला लागू करना पड़ता है। अंकों में जो उतार-चढ़ाव को लेकर कई बार आयोग के परिणामों पर संदेह जताया गया है। कई विवाद अदालतों में भी चले हैं(दैनिक भास्कर,जोधपुर-अजमेर,4.12.2010)।
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