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14 दिसंबर 2010

बिहारःआंगनबाड़ी केंद्रों को नहीं मिलेगी नकदी

भ्रष्टाचार के खिलाफ जारी जंग के दायरे में सोमवार को आंगनबाड़ी केंद्र भी आ गये। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में समाज कल्याण विभाग की समीक्षा बैठक में तय हुआ कि इन केंद्रों को अब नकद रुपयों की बजाय तैयार आहार दिये जायेंगे। सरकार ने इस लाईन पर तैयारी शुरू कर दी है।
बैठक में इस मुद्दे पर विशेष रूप से चर्चा हुई। बैठक में समाज कल्याण मंत्री परवीन अमानुल्ला, विभाग के प्रधान सचिव बीके वर्मा व महिला विकास निगम की प्रबंध निदेशक एन विजयलक्ष्मी को मुख्यमंत्री ने कई टास्क सौंपे। अब तक आंगनबाड़ी केंद्रों को बच्चों के पौष्टिक भोजन के लिए प्रति माह नगद राशि दिए जाने की व्यवस्था रही है। सरकार को इसमें भ्रष्टाचार के 'फीडबैक' मिलते रहे हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले दिनों जब गांवों का भ्रमण किया था, तब उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्रों का भी जायजा लिया था। उसी समय सरकार ने यह फैसला लिया था कि इन केंद्रों में आने वाले बच्चे-बच्चियों को भी ड्रेस दिए जाएंगे। उन्हें आसमानी रंग की कमीज और ब्लू रंग की हाफ पैंट या फिर स्कर्ट दी जानी है। इस योजना के क्रियान्वयन के लिए 91 करोड़ रुपये तय हैं पर अब तक आठ करोड़ रुपये ही भेजे जा सके हैं। इसमें तेजी लाने का निर्देश दिया गया।
बैठक में आंगनवाड़ी केंद्रों के लिए सुपरवाइजर के मामले पर भी प्रमुखता से चर्चा हुई। तय व्यवस्था के हिसाब से बीस आंगनवाड़ी केंद्रों पर एक सुपरवाइजर की आवश्यकता है। अभी स्थिति यह है कि एक जिले में सिर्फ तीन या चार सुपरवाइजर ही उपलब्ध हैं। इनकी नियुक्ति पर भी बात हुई। 'जीविका' प्रोजेक्ट को सही तरीके से लागू किए जाने पर भी चर्चा हुई।

समीक्षा के क्रम में यह बात सामने आयी कि बहुत सारे जिले ऐसे हैं कि जहां कई एजेंसी जैसे जननी, महिला विकास निगम, केंद्र सरकार और विश्व बैंक द्वारा एक ही किस्म की योजनाएं चल रही हैं। वहीं कुछ जिले ऐसे हैं जहां एक भी योजनाएं नहीं चल रहीं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि जहां योजनाएं नहीं चल रही हैं वहां विशेष ध्यान दिए जाने की जरूरत है। समेकित तरीके से योजनाएं बनने से ज्यादा लाभ होगा। आंगनबाड़ी केंद्रों के अपने भवन निर्माण पर भी विशेष बात हुई। गांव स्तर तक स्वयं सहायता समूह गठित किए जाने पर भी विमर्श हुआ।

तीन घंटे तक चली बैठक में सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना, अनुग्रह अनुदान योजना, नि:शक्तता कल्याण योजना, निराश्रित पुनर्वास योजना, नशा विमुक्ति एवं पुनर्वास योजना तथा महिला विकास निगम द्वारा संचालित मुख्यमंत्री नारी शक्ति योजना व मुख्यमंत्री कन्या सुरक्षा योजना आदि की भी समीक्षा की गयी(दैनिक जागरण,पटना,14.12.2010)।

1 टिप्पणी:

  1. ाइसी योजनायें केवल भ्रष्टाचार का अड्डा हैं इन से उतना लाभ नही होता जितना इन पर खर्च आता है।

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