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05 दिसंबर 2010

नागर विमानन क्षेत्र में रोज़गार के अवसर

निजी एयरलाइंस के आने से देश में उड्डयन क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ने के साथ पेशेवर लोगों की मांग बढ़ रही है। टिकट रिजर्वेशन से लेकर पायलट बनने का सपना लिए लोगों के लिए यहां कई अवसर मौजूद हैं। वर्तमान समय में विमानन सेवा क्षेत्र में सबसे ज्यादा मांग पायलट की है। सीधी बात है कि विमानन सेवाओं के विस्तार से इसमें नौकरियों की गुंजाइश तो बढ़ेगी ही। इसके कुछ प्रमुख क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों पर नजर डालते हैं।

पायलट
पायलट का प्रशिक्षण लेने के लिए न्यूनतम आयु 16 वर्ष होनी चाहिए। साथ ही 12वीं की परीक्षा विज्ञान या गणित के साथ उत्तीर्ण होना जरूरी है। पहले चरण में फ्लाइंग क्लब से स्टूडेंट पायलट लाइसेंस हासिल करना होता है। इसे हासिल करने के बाद प्राइवेट पायलट लाइसेंस (पीपीएल) या फिर कॅमर्शियल पायलट लाइसेंस (सीपीएल) का कोर्स किया जा सकता है। पीपीएल उन लोगों के लिए है जो शौकिया हवाई जहाज उड़ाना चाहते हैं, जबकि पायलट के रूप में कॅरियर बनाने वाले लोगों के लिए सीपीएल आवश्यक है। देश में कई संस्थाएं विमान उड़ाने का प्रशिक्षण देती हैं।

इंजीनियर
इंजीनियर विमानन सेवा का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, क्योंकि इनसे यात्रियों की सुरक्षा का मसला जुड़ा हुआ है। एयरलाइंस मेंटेनेंस इंजीनियर बनने के लिए संबंधित व्यक्ति के पास एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग या एयरोनॉटिकल मेंटेनेंस इंजीनियरिंग में डिप्लोमा होना चाहिए। हालांकि इंजीनियरों को पायलट की तुलना में कम वेतन मिलता है, जो उनके अनुभव और दक्षता के आधार पर बढ़ता जाता है।

केबिन क्रू

हवाई जहाज के केब्रिन क्रू की अपनी ही अहमियत है। आखिर आपके सफर को सुगम, सुविधाजनक और सुरक्षित बनाने का दारोमदार इन्हीं पर होता है। एयरलाइन इंडस्ट्री में रोजगार के साथ ही आप पर्यटन का भी मजा ले सकते हैं। विमान परिचारिका (एयर होस्टेस) केबिन क्रू का ही हिस्सा होती हैं। एयर होस्टेस या फ्लाइट पर्सर बनने के लिए आकर्षक व्यक्तित्व का धनी और अंग्रेजी परपकड़ आवश्यक है। इसके साथ ही अन्य विदेशी भाषा का ज्ञान आपकी खासियत में गिना जाएगा। 

यह इसलिए जरूरी है क्योंकि अंग्रेजी वैश्विक भाषा बन चुकी है और किसी विदेशी भाषा की जानकारी होने से आप उस एयरलाइन या उस देश के मुसाफिरों की बात आसानी से समझ सकते हैं। १७-२६ वर्ष के 12वीं परीक्षा उत्तीर्ण उम्मीदवार एयर होस्टेस और फ्लाइट पर्सर के प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रवेश की पात्रता रखते हैं। ज्यादातर बड़े शहरों में कई कंपनियां इस तरह के प्रशिक्षण संस्थान खोल रही हैं। घरेलू एयरलाइन कंपनियों में केबिन क्रू के रूप में नौकरी करते हुए आप ३५,000 रुपए तक मासिक कमा सकते हैं, जबकि विदेशी एयरलाइंस कंपनियों में एक महीने का न्यूनतम वेतन ५0,000 रुपए तक हो सकता है(दैनिक भास्कर,29.11.2010)।

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