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15 दिसंबर 2010

मेडिकल एकल प्रवेश परीक्षा छात्रों के हित में

एमसीआई के एमबीबीएस और स्नातकोत्तर चिकित्सा के लिए एकल प्रवेश परीक्षा आयोजित करने पर सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी का स्वागत करते हुए मानव संसाधान विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने मंगलवार को कहा कि यह छात्रों के हित में महत्वपूर्ण कदम हैं।

सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत करते हुए सिब्बल ने कहा कि एमबीबीएस और स्नातकोत्तर स्तर पर पूरे देश में एकल प्रवेश परीक्षा आयोजित करने के वह समर्थक रहे हैं और उन्होंने इसके लिए पहल भी की थी। यह छात्रों के हित में हैं।

यह पूछे जाने पर कि एकल प्रवेश परीक्षा एमसीआई आयोजित करेगी या मानव संसाधान विकास मंत्रालय, उन्होंने कहा कि यह कोई विषय नहीं है और उन्होंने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि यह किसी मंत्रालय से जुड़ा प्रश्न नहीं बल्कि छात्रों के हित से जुड़ा विषय है।

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अपने निर्णय में स्पष्ट किया था कि एमसीआई, एमबीबीएस तथा स्नातकोत्तर स्तर पर चिकित्सा परीक्षा आयोजित करने की योजना पर अमल कर सकती है। इस स्पष्टीकरण के बाद सभी सरकारी और निजी चिकित्सा संस्थानों के लिए अगले सत्र [2011-12] से एकल प्रवेश परीक्षा आयोजित करने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।


केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड [सीबीएसई] की राष्ट्रीय स्तर पर चिकित्सा परीक्षा का आयोजन करता है और चिकित्सा क्षेत्र में एकल प्रवेश परीक्षा पर अमल के बाद सीबीएसई के तहत आयोजित की जाने वाली प्रवेश परीक्षा मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया के दायरे में आ सकती है।

सीबीएसई द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षा के एमसीआई के दायरे में आने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर बोर्ड के अध्यक्ष विनीत जोशी ने कहा कि मुझे इस बारे में अभी कोई पत्र नहीं मिला है।

शीर्ष अदालत के स्पष्टीकरण के बाद एमसीआई की ओर से अधिसूचना जारी किए जाने के बाद देश में चिकित्सा संस्थानों के लिए एकल प्रवेश परीक्षा आयोजित करने का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा। यह 271 चिकित्सा संस्थाओं की ओर से पेश किए जाने वाले एमबीबीएस और एमडी पाठ्यक्रमोंके लिए लागू होंगे। इनमें 138 सरकारी चिकित्सा संस्थान और 133 निजी प्रबंधन के तहत संचालित संस्थान शामिल हैं। इन कालेजों के माध्यम से एमबीबीएस के लिए करीब 31 हजार सीट और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के लिए करीब 11 हजार सीट की पेश की जाती है(दैनिक जागरण,दिल्ली,15.12.2010)।

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