गारमेंट्स इंडस्ट्री में पश्चिमी परिधानों की हिस्सेदारी तेजी से बढ़ी है लेकिन देश की पारंपरिक वेशभूषाओं के बाजार में कमी नहीं आई है। पारंपरिक वेशभूषाओं का बाजार घरों से निकलकर कारपोरेट सेक्टरों तक पहुंच गया है। देश में कई कारपोरेट सेक्टर ऐसे हैं जहां पर महिलाओं के परंपरागत परिधानों को तवज्जो दी जा रही है। एयरलाइन्स में साड़ी व भारतीय परिधानों को प्राथमिकता दी जा रही है। हालांकि यूथ सेक्टर में पश्चिमी वेशभूषाओं का जोर है। महिलाओं के परिधानों में ही विशेषता लेकर गारमेंट्स उद्यमी अपने कारोबार में इजाफा कर सकते हैं। पुरुषों के मुकाबले गारमेंट्स इंडस्ट्री में महिला परिधानों की हिस्सेदारी ज्यादा है।
देश के कुल रेडीमेड गारमेंट्स कारोबार में महिला परिधानों का बाजार 40 फीसदी है। इसके अलावा ३0 फीसदी हिस्सेदारी पुरुष वर्ग की एवं 20 फीसदी हिस्सेदारी किड्स की है। बाजार में बिकने वाले लांग कोट, साडिय़ां, सलवार कमीज, इत्यादि गारमेंट्स में अपना स्थान बनाये हुये हैं। वेडिंग सीजन के लिये महिलायें परंपरागत सूट, साडिय़ां व लहंगों का ही उपयोग कर रही हैं। वैडिंग परिधानों के कारोबारी सुरेश कुमार के मुताबिक टी-शर्ट जीन कैजूअल वीयर में ही आते हैं। अब साडिय़ां, कढ़ाईदार सूट विशेष समारोहों पर पहने जा रहे हैं।
इसके अलावा हलकी साडिय़ां व हलके सूट प्रोफेशनल महिलाओं की रोजमर्रा जीवन में शुमार हो रहे हैं। कढ़ाईदार सूट उत्पादन करने वाली इकाइयों की संख्या बढ़ रही है। साधारण अधसिला सूट इंडस्ट्री तैयार कर रही है। जिसे आगे बड़े शो रूम बूटीक की सुविधा के साथ महिलाओं को यह परिधान उंची कीमतों पर उपलब्ध करवा रहे हैं। इन कपड़ों में पालीस्टर का काफी उपयोग हो रहा है। जिससे इनकी लागत भी कम रहती है। जबकि इनकी बिक्री उंची कीमतों पर हो रही है।
यह सूट 1000 रुपये से शुरू होकर 5000 रुपये तक बाजार में उपलब्ध हो रहे हैं। विकास टैक्सटाइल के डायरेक्टर विकास दत्त के मुताबिक महिला परिधानों का पश्चिमीकरण हुआ है, लेकिन इसका दायरा यूथ वर्ग पर ही सीमित है। 40 साल से उपर के लोग विशेष समारोहों में भारतीय पारंपरिक कपड़ों का ही उपयोग कर रहे हैं। जिससे मार्केट में महिलाओं के रेडीमेड सूटस एवं साडिय़ों की मांग बढ़ रही है। इसके अलाव लांग कुर्ती का ट्रेंड भी पारंपरिक परिधानों का ही हिस्सा है।
कारोबार - इंडस्ट्री द्वारा महिलाओं के लिए तैयार किए जाते हैं आम तौर पर आधा सिले सूट व सलवाह
बढ़त - आम समारोह के अलावा अब कॉरपोरेट क्षेत्र में भी पसंद किया जाता है परंपरागत पहनावे को
हिस्सेदारी - रेडिमेट गारमेंट के घरेलू बाजार में फिलहाल महिला परिधानों की हिस्सेदारी 40 फीसदी के करीब है
(नरेश बातिश लुधियान,बिजनेस भास्कर,दिल्ली,4.12.2010)
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