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18 दिसंबर 2010

छत्तीसगढ़ के तीन होम्योपैथी कॉलेजों में प्रवेश पर रोक

सेंट्रल काउंसिल ऑफ होम्योपैथी के मापदंडों को पूरा नहीं करने पर राज्य सरकार ने राज्य के तीन होम्योपैथी कॉलेजों में नए सत्र में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। यहां के छात्रों की उपाधियों को भी अमान्य कर दिया गया है। इसकी वजह से सैकड़ों छात्रों का भविष्य अधर में है। न तो वे शासकीय सेवाओं के लिए आवेदन कर सकते हैं और न ही प्रेक्टिस।

जिन कॉलेजों पर प्रतिबंध लगा है उसमें रायपुर के रामकुंड होम्योपैथी व महाराणा प्रताप इलेक्ट्रो होम्योपैथी तथा बिलासपुर के चौकसे होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज शामिल हैं। इन्हें सीसीएच ने सशर्त मान्यता दी थी किंतु आज तक शर्तो को पूरा नहीं किया गया।

ज्ञात हो कि आयुष विवि की स्थापना के पहले पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय ने इन कॉलेजों की परीक्षा ली और उपाधियां दी। अब इस मसले पर स्वास्थ्य विभाग और रविवि दोनों अपना पल्ला झाड़ रहे हैं और एक दूसरे को इसके लिए जिम्मेदार बता रहे हैं।

केंद्र के पास प्रस्ताव :

सीसीएच ने तीनों महाविद्यालयों को मान्यता देने के लिए केंद्रीय आयुष विभाग को प्रस्ताव भेजा है। महीनों पहले भेजे गए प्रस्ताव को अब तक विभाग से हरी झंडी नहीं मिल पाई है।इसी वजह से कालेजों की मान्यता रोकी गई है।

"राज्य सरकार से अनापत्ति प्रमाण पत्र मिलने के बाद ही संबद्धता दी गई। इससे पहले सीसीएच से अस्थायी संबद्धता और आवश्यक मापदंड की शर्त का आंकलन किया गया।"

केके चंद्राकर, कुलसचिव(दैनिक भास्कर,रायपुर,18.12.2010)

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