देर से सही लेकिन प्रशासन को रैगिंग में लिप्त छात्रों पर कार्रवाई करनी पड़ी। नार्थ बंगाल विश्वविद्यालय के दर्शनशास्त्र विभाग के तृतीय सेमेस्टर के 14 छात्रों को रैगिंग में दोषी पाया गया है। इसके तहत छह छात्रों को विश्वविद्यालय से निष्कासित कर दिया गया है जबकि पांच को एक वर्ष और तीन छात्रों को छह महीने के लिए हास्टल से निष्कासित कर दिया गया है। गुरुवार को नार्थ बंगाल विश्वविद्यालय की कार्यकारिणी परिषद की बैठक में इस फैसले पर सदस्यों ने अपनी मुहर लगा दी।
गौरतलब है कि चार नवंबर 2010 को दर्शन विभाग के नवागत छात्र की तृतीय सेमेस्टर के छात्रों ने रैगिंग ली थी। सीनियर्स ने उक्त छात्र को हाफ पैंट पहनाकर घुमाया था और तरह-तरह की प्रताड़ना दी थी। इसके बाद छात्र ने कुलपति से इसकी लिखित शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। निराश पीड़ित छात्रों ने नार्थ बंगाल विश्वविद्यालय छोड़ दिया और कोलकाता के रवीन्द्र भारती विश्वविद्यालय में दाखिला ले लिया। इसके बाद कई छात्र संगठनों ने पूरी घटना का विरोध करना शुरु कर दिया। परिणाम रहा कि आरोपियों पर कार्रवाई के लिए वोटिंग हुई। इस बीच खास बात यह हुई कि आरोपी वोटिंग में भी बच गये और उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बावजूद छात्र संगठनों का विरोध प्रदर्शन नहीं रुका और पुतला दहन आदि कार्यक्रम चलते रहे। इस बीच गुरुवार को नार्थ बंगाल विश्वविद्यालय कार्यकारिणी परिषद की बैठक हुई। सूत्रों ने बताया कि इसमें सदस्यों ने इस विषय पर मंथन किया और सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि जांच में 14 छात्र दोषी पाए गये हैं। इसके बाद सभी पर कार्रवाई को मंजूरी दे दी गयी। इस निर्णय को लेकर छात्र संगठनों में हर्ष व्याप्त है। छात्र परिषद के रोनाल्ड डे ने कहा कि यह छात्रों के संयुक्त संघर्ष का नतीजा है कि रैगिंग में दोषी छात्रों पर कार्रवाई हुई(दैनिक जागरण,सिलीगुड़ी,7.1.11)।
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