पुलिस को चाक चौबंद करने की कार्रवाई अब तेज की जाएगी। चौदह हजार से अधिक रिक्त पड़े पुलिस के पदों को भरा जाएगा। इसमें बड़ी संख्या में सब इंस्पेक्टरों की नियुक्ति होगी। थानों को और अत्याधुनिक बनाया जाएगा। इसके लिए केन्द्र ने एक्शन प्लान दिया है। इसपर की गई कार्रवाई से केन्द्र सरकार को अवगत कराया जाएगा।
एक फरवरी को दिल्ली में सुरक्षा के मुद्दे पर नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई गई है। बैठक की तैयारियों के लिए गुरुवार को मुख्यमंत्री अजरुन मुंडा ने सुरक्षा सलाहकार डीएन गौतम, मुख्य सचिव एके सिंह, गृह सचिव जेबी तुबिद समेत अन्य अधिकारियों के साथ बातचीत की और कई निर्देश दिये।
बैठक के बाद मुख्य सचिव ने बताया कि राज्य सरकार पुलिस व्यवस्था को दुरुस्त करने की दिशा में कई प्रकार की तैयारी कर रही है। मुख्यमंत्री चाहते हैं कि पुलिस समय सीमा के भीतर जांच पूरी करे। तकनीकी रूप से अधिक दक्ष हो। हाई प्रोफाईल मामलों की जांच के लिए एक अलग जांच एजेंसी हो। इसमें विशेषज्ञ रहें। इस एजेंसी के गठन के लिए एक प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।
इसी प्रकार विशेष शाखा को और मजबूत बनाने के लिए इसका क्लोज्ड कैडर बनाया गया है। अर्थात इसके लिए नियुक्त जवान व अधिकारी जीवनर्पयत इसी सेवा में रहेंगे। इनसे विधि व्यवस्था संबंधित अन्य कार्य नहीं लिया जाएगा। पूर्व में इसके लिए सिपाही और इंस्पेक्टर की सीधी नियुक्ति होनी थी अब डीएसपी की नियुक्ति भी इसमें सीधी भर्ती से होगी।
आंगनबाड़ी केन्द्रों में पढ़ाई भी होगी
आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों को शिक्षा भी मिले इसपर सरकार विचार कर रही है। केन्द्रों के संचालन का अधिकार भी पंचायतों को दिये जाएंगे। अभी इन केंन्द्रों में सुबह नौ बजे नाश्ता व दिन के एक बजे भोजन उपलब्ध कराया जाता है। नाश्ते और भोजन की अवधि के बीच बच्चों को पढ़ाया जाए इस दिशा में कार्रवाई हो रही है(दैनिक भास्कर,रांची,28.1.11)।
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