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03 जनवरी 2011

2011 में रोज़गार के प्रमुख क्षेत्र

आज जब विश्व की बड़ी-बड़ी अर्थव्यवस्थाएं आर्थिक मंदी से उबरने के लिए प्रयत्नशील हैं, भारतीय अर्थव्यवस्था ने वित्तीय वर्ष (2010-11) की पहली दो तिमाही में अच्छी वृद्धि के संकेत दिए हैं। कहा जा सकता है कि देश की अर्थव्यवस्था वापस पटरी पर लौट आई है। देशभर में विभिन्न इंडस्ट्रीज ने रिक्रूटमेंट के बंद दरवाजे फिर से खोल दिए हैं। ऐसे में नया साल छात्रों के लिए अवसरों की सौगात लेकर आएगा। हाल में हुए सर्वे की मानें तो अगले कुछ महीनों में ही करीब चार लाख नौकरियां आपके दरवाजे पर होंगी। यहां जानते हैं कुछ हॉट सेक्टर्स के बारे में, जो नए वर्ष 2011 में नौकरियों से लबालब भरे होंगे।

हेल्थकेयर
2010 में सबसे ज्यादा नौकरियां उपलब्ध कराने वाले क्षेत्रों में हेल्थकेयर को सबसे ऊपर आंका गया है। एक अनुमान के मुताबिक, इस वर्ष यहां करीब 2 लाख, 60 हजार नौकरियां निकलीं। उम्मीद जताई गई है कि 2012 तक इस क्षेत्र में जीडीपी दर 8 प्रतिशत पहुंच जाएगी। इस सेक्टर में हॉस्पिटल सर्विसेज से लेकर ब्लड, स्पर्म और ऑर्गन बैंक को व्यवस्थित रखने में कई तरह के जॉब निकलेंगे। नर्सेज, वार्ड ब्वॉय, हॉस्पिटल मैनेजमेंट, पैथोलॉजिस्ट से लेकर डॉक्टरों की मांग बनी रहेगी। फार्मेसी की बात की जाए, तो यहां क्लीनिकल रिसर्च समेत क्वालिटी कंट्रोल, मैन्यूफैक्चरिंग, एडमिनिस्ट्रेशन, कंप्लायंस आदि में इस साल की तरह नए साल में भी जॉब्स निकलती रहेंगी।

आईटी व आईटीईएस
मंदी की मार से बुरी तरह प्रभावित होने के बावजूद आईटी व आईटी इनेबल्ड सर्विसेज सेक्टर ने जबरदस्त वापसी की है और पिछले कुछ महीनों में इसमें एक लाख से ज्यादा नौकरियां उपलब्ध हुईं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 तक यह क्षेत्र करीब 10.26 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा। यहां अब हॉर्डवेयर, नेटवर्किंग के अलावा गेमिंग डिजाइनिंग व टेक्नोलॉजी, सॉफ्टवेयर टेस्टिंग और सॉफ्टवेयर डेवलपिंग जैसे उभरते क्षेत्रों केपेशेवरों की मांग और भी बढ़ जाएगी। जिस तरह से वायरस और हैकिंग अटैक बढ़ रहे हैं, उससे जाहिर है कि आईटी सिक्योरिटी प्रोफेशनल्स की मांग भी बढ़ने वाली है। इसके अलावा आईटी प्रोडक्ट्स की मार्केटिंग के लिए भी मार्केटिंग के लोगों की जरूरत पड़ेगी।

रिटेल
रिटेल सेक्टर में लाखों की संख्या में फ्रेश ग्रेजुएट्स और 12वीं पास को आसानी से काम मिल जाता है। कस्टमर सर्विसेज के कारण भारतीय रिटेल इंडस्ट्री का तेजी से विस्तार हो रहा है। देश की जीडीपी में इसका 10 फीसदी हिस्सा है और उम्मीद है कि यह 2020 तक 20 फीसदी तक बढ़ जाएगा। बड़ी तादाद में विदेशी कंपनियां भारतीय रिटेल मार्केट में पांव जमा रही हैं। ऐसे में यहां कार्य संचालन, मर्केंडाइजिंग, मार्केटिंग, कमर्शियल, एचआर और सप्लाई चेन में ढेरों अवसर होंगे।

हॉस्पिटैलिटी

होटल ऐंड रेस्टोरॉन्ट एसोसिएशन के मुताबिक, अगले तीन सालों में देश की यह इंडस्ट्री करीब एक लाख लोगों को काम देगी। पिछले कुछ महीनों में बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक आ रहे हैं, जिसके कारण देश के पर्यटन स्थलों को अंतरराष्ट्रीय मंच पर अच्छा एक्सपोजर मिला है। साथ ही होटल इंफ्रास्ट्रक्चर में अच्छा खासा निवेश किया गया है। कई होटलों के निर्माण को मंजूरी मिलने से बड़ी संख्या में हॉस्पिटैलिटी पेशवरों की जरूरत पड़ने वाली है। स्पा और रिजॉर्ट्स की संख्या में भी दिनोंदिन बढ़ोतरी हो रही है। शेफ बनने का क्रेज भी बढ़ रहा है। निर्माण कार्यों के कारण हॉस्पिटैलिटी एक्पर्ट्स के साथ-साथ इंजीनियर्स और आर्किटेक्ट्स के लिए भी अवसर पैदा होंगे।



एग्रीकल्चर एक्सटेंशन
सरकार ने माना है किसानों तक आधुनिक और उन्नत कृषि तकनीकें नहीं पहुंच पातीं। इस काम के लिए सरकार ने देशभर में नए साल में करीब 2100 एग्रीकल्चर एक्सटेंशन ग्रेजुएट्स की भर्ती करने का फैसला किया है। यहां आपको किसानों के लाभ के लिए विभिन्न खोजकार्यों व गतिविधियों में संलग्न होना पड़ेगा। किसानों के लिए कृषि गतिविधियों व नई तकनीकों का प्रसार करना होगा। कृषकों के बीच जाकर जागरूकता फैलानी होगी और उन्हें मृदा में पोषक तत्वों से संबंधित ज्ञान भी देना होगा। वर्तमान में इस तरह की सुविधा दिल्ली और कुछ राज्यों के विश्वविद्यालयों में उपलब्ध है। अब केंद्रीय सरकार ने राज्य सरकारों को यह स्कीम एक साल के अंदर जिला स्तर पर भी लागू करने के लिए कहा है।

टेलीकम्युनिकेशन
526.18 मिलियन जीएसएम मोबाइल उपभोक्ताओं (नवंबर, 2010) के साथ टेलीकम्युनिकेशन एक बहुत बड़े नियोक्त्ता के तौर पर उभरा है। 2020 तक तो हर तीसरे व्यक्ति और प्रत्येक कामगार व्यक्ति की जेब में मोबाइल होगा। इंजीनियर से लेकर लाइन्समैन तक नौकरी की अथाह संभावनाएं होंगी। ब्रॉडबैंड और 3जी जैसी एडवांस सर्विसेज के आने से टेक्नोलॉजी, कन्टेंट, सेल्स आदि तमाम शाखाओं में जबरदस्त नौकरियां होंगी। यहां ट्रबल शूटिंग, टेलीकॉम लूप और रिसर्च एनालिसिस करने वालों के लिए मौके होंगे। 

ग्रीन टेक्नोलॉजी ऐंड क्लीन एनर्जी
पर्यावरण के प्रति जागरूकता और चिंतन बढ़ने के कारण अब ग्रीन टेक्नोलॉजी और क्लीन एनर्जी क्षेत्र को प्राथमिकता दी जाने लगी है। जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर वैश्विक चर्चा में भारत ने प्रमुख भूमिका निभाई है। उम्मीद है कि ये ग्रीन जॉब्स 2011 में छात्रों के बीच बेहद पॉपुलर होंगे। वर्तमान में भारत सरकार ने विभिन्न मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट से निकलने वाले औद्योगिक अपशिष्ट पदार्थों की रीसाइक्लिंग को लेकर कायदे-कानून काफी सख्त कर दिए हैं। ऐसे में पर्यावरण विज्ञान और अपशिष्ट औद्योगिक पदार्थों की रिसाइक्लिंग के जानकारों की अच्छी मांग रहेगी। इसके अलावा वायु ऊर्जा, सौर ऊर्जा और बायो फ्यूल का प्रयोग भी जोर पकड़ रहा है। इसके विशेषज्ञों की बढ़िया मांग रहेगी। 

एजुकेशन ऐंड ट्रेनिंग
अध्यापन से जुड़े पेशेवर लोगों या यहां नौकरी तलाश रहे छात्रों की तो मौज ही होने वाली है। भारत के प्राइमरी स्कूलों में करीब 14 करोड़ छात्र पढ़ाई कर रहे हैं, जबकि अभी भी 2 लाख स्कूलों की कमी है। केवल प्राइमरी ही नहीं, बल्कि सेकेंडरी व हायर सेकेंडरी लेवल के स्कूलों में भी अध्यापकों की काफी कमी होने के कारण यहां भी नौकरियों की बेहद कमी बनी हुई है। स्कूली शिक्षा के सिलेबस में कई नए विषय जुड़ने से संबंधित प्रोफेशनल्स की भी जरूरत पड़ेगी। इसके अलावा कई वोकेशनल टे्रनिंग व प्रोफेशनल ट्रेनिंग सेंटर्स खुलेंगे। जैसे-जैसे अध्ययन सामग्री और लर्निंग मोड एडवांस होते जा रहे हैं, वैसे-वैसे अवसर भी बढ़ रहे हैं।

एनिमेशन, गेमिंग ऐंड विजुअल इफेक्ट्स
इस इंडस्ट्री के मामले में भी भारत वैश्विक स्तर का खिलाड़ी बन गया है। मंदी से प्रभावित साल के दौरान भी यह क्षेत्र 20 प्रतिशत दर की रफ्तार से आगे बढ़ता रहा। एक अंदाजा है कि एनिमेशन फील्ड 2012 तक 22 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक विकास दर (सीएजीआर) दर से आगे बढ़ेगी और करीब एक बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगी। गेमिंग में भी कारोबार 2012 तक 49 प्रतिशत वृद्धि के साथ 830 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। दरअसल अब आधुनिक गेम्स जायज दामों में मिलने लगे हैं और इंडस्ट्री गेम्स की क्वालिटी और उसकी वास्तविक आईडी बनाने पर ज्यादा फोकस कर रही है। इस कारण अब लाइसेंसिंग और मार्केटिंग से प्राप्त आय की संभावना काफी बढ़ गई है। अब दुनिया भर से इस फील्ड के प्रोफेशनल्स एनिमेटेड फिल्मों और स्टूडियोज के लिए भारत का रुख कर रहे हैं। 

सिविल एविएशन
आनेवाले साढ़े छह सालों में यह इंडस्ट्री विकास की जबरदस्त उड़ान लेगी। अनुमान है कि यह 400 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ेगी और आने वाले 10 सालों में यह अमेरिका और चीन के बाद दुनिया में तीसरे पायदान पर पहुंच जाएगी। स्वाभाविक है कि इस विस्तार के कारण एयर होस्टेस से लेकर पायलट 
और एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियरों तक की अच्छी खासी मांग बनी रहेगी। 

बैंकिंग, फाइनेंस, इंश्योरेंस व अन्य
अब बैंकिंग ऐंड फाइनेंस सर्विसेज में तेजी से विस्तार हो रहा है। निजी ही नहीं, सरकारी बैंकों की शाखाओं की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। फाइनेंस ऐंड इंश्योरेंस में तो हमेशा से फ्रेशर्स के लिए अच्छी संभावना रही है। साल के शुरुआती तीन महीनों में ही यहां 20 हजार नौकरियां निकलेंगी। 
नॉन मैन्यूफैक्चरिंग इंडस्ट्री, मीडिया ऐंड एंटरटेन्मेंट, एजुकेशन, ट्रेनिंग ऐंड कंसल्टेंसी के क्षेत्र में करीब 50 हजार नौकरिया के लिए अवसर बनेंगे। पिछले कुछ समय से इंजीनियरिंग सर्विसेज में अच्छा खासा उछाल देखा गया है। 20 प्रतिशत के साथ आगे बढ़ रही इस इंडस्ट्री में करीब 3,10,000 लोग काम करते हैं(परवीन मल्होत्रा,अमर उजाला,28.12.2010)।

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