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16 जनवरी 2011

दिल्लीःहजारों नर्सों को 24 वर्षो से पदोन्नति का इंतजार

एक तरफ नगर निगम अपने अस्पतालों के विस्तार और नए अस्पताल बनाने की योजना बना रहा है तो दूसरी तरफ स्टाफ के हितों की अनदेखी की जा रही है। ऐसा ही रहा तो आने वाले दिनों में एमसीडी को नई नर्से नहीं मिलेंगी। एमसीडी की साढ़े तीन हजार नर्से 24 वर्षो से पदोन्नति का इंतजार कर रही हैं। 36 को एडहॉक (तदर्थ) से नियमित होने का इंतजार है। इनमें कई नर्से सेवानिवृत्त होने को हैं। एमसीडी के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कहते हैं कि नियमों के मुताबिक सेवा के 10वें, 20वें और 30वें साल में पदोन्नति होनी चाहिए, लेकिन यहां 1986 के बाद नर्सो की कोई वरिष्ठता सूची ही नहीं बनी। यही वजह है कि तब से किसी की भी पदोन्नति नहीं हुई। फिलहाल एमसीडी के अस्पतालों में साढ़े तीन हजार नर्से काम कर रही हैं। इनमें 60 फीसदी नर्से ऐसी हैं, जिन्हें एक भी पदोन्नति नहीं मिली। 86 के बाद से यहां एडहॉक पर ज्वाइन करने वाली 80 नर्सो को नियमित भी नहीं किया गया है। एक नर्सिग सुपरिटेंडेंट का कहना है कि स्वास्थ्य मानकों के मुताबिक, नर्सो की संख्या में 40 फीसदी की कमी है। ऐसे में काम का दबाव काफी ज्यादा रहता है। बावजूद इसके, पदोन्नति न होने से उनमें निराशा बढ़ रही है। बड़ी संख्या में नर्से पलायन भी कर रही हैं। उनका कहना है कि एमसीडी अधिकारियों को कई बार पत्र भी लिखा गया, लेकिन हर बार यही कह कर टाल दिया जाता है कि सूची बनाने के लिए हमारे पास कर्मचारी नहीं हैं। एमसीडी की स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष डॉ. वीके मोंगा का कहना है कि इस तरह की दिक्कतें दूर करने के उपाय जल्द किए जाएंगे(दैनिक जागरण,दिल्ली,16.1.11)

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