झारखंड में स्कूली छात्रों के स्कूल बंक करने के दिन लदने वाले हैं। न तो छात्र क्लास टीचर को बहाने बता सकेंगे और न ही अभिभावकों को झूठी कहानी सुना सकेंगे। स्कूल न पहुंचने वाले छात्रों की सूचना कक्षाध्यापक और अभिभावकों तक पहुंच जाएगी। अनुपस्थिति के संबंध में छात्रों की बहानेबाजी पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से जमशेदपुर जिले के डीएवी पब्लिक स्कूल बिष्टुपुर में नया सिस्टम लगाया जा रहा है। स्कूल के प्रबंधन का कहना है कि अटेंडेंस एंड स्टूडेंट मानीटरिंग एंड सिक्यूरिटी सिस्टम नाम की इस प्रणाली को मूर्तरूप देने में आठ से दस लाख रुपए का खर्च आएगा। योजना पूरी तरह से तैयार है और इसे विद्यालय में क्रियान्वित करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। छात्रों को भी इस प्रणाली के कारण 250 से 300 रुपए तक का खर्च वहन करना पड़ेगा। स्कूल प्राचार्य प्रज्ञा सिंह ने इस प्रणाली के विषय में बताया कि जैसे ही कोई स्कूल के मुख्य द्वार पर पहुंचेगा, छात्रों के जेब में रखे आई कार्ड को यह हाईटेक मशीन तुरंत स्कैन कर लेगी और चेहरे का मिलान कर उस छात्र की उपस्थिति दर्ज कर देगी। इस प्रणाली की यह विशेषता है कि कोई भी एक साथ दो छात्रों के कार्ड को स्कैन नहीं करा सकेगा। यदि कोई छात्र एक से अधिक कार्ड लेकर आएगा तो मशीन उसकी पहचान कर लेगी। छात्रों के आने का समय पूरा होने के बाद यह मशीन सभी अनुपस्थित छात्रों के अभिभावकों को एसएमएस के माध्यम से सूचना भेज देगी। उन्होंने कहा, यह प्रणाली छात्रों की उपस्थिति को सुनिश्चित करने और लापरवाह छात्रों की पहचान करने में सहायक होगी। नए सत्र में यह प्रणाली कार्य करनी शुरू कर देगी। उल्लेखनीय है कि झारखंड ही नहीं विभिन्न राज्यों में छात्र-छात्राओं के स्कूल से गायब होने की घटनाओं में तेजी से इजाफा हुआ है। इस नई तकनीक से ऐसी आदत पर रोक लगाने में मदद मिलेगी(दैनिक जागरण,जमशेदपुर,राष्ट्रीय संस्करण,16.1.11)।
sms तो ठीक पर भई ये बच्चे भागते क्यों हैं कभी इस पर भी तो ध्यान दो
जवाब देंहटाएंअच्छी जानकारी शुक्रिया दोस्त !
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया है यह तो!
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