हजारीबाग जिले के अंतर्गत नियोजन कार्यालय के द्वारा 2010 में पंजीकृत 67 हजार बेरोजगारों में से 597 बेरोजगारों को ही रोजगार मिल पाया है। झारखंड के 77.75 प्रतिशत लोग ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करते हैं। हजारीबाग जिले के बड़कागांव, केरेड़ारी, कटकमसांडी, चौपारण, चुरचू, बरकट्ठा एवं विष्णुगढ़ आदि क्षेत्रों में बेरोजगारी चरम सीमा में पहुंच चुकी है। परिणामत: इन सभी क्षेत्रों में पलायनवाद हावी है हजारीबाग के इन्हीं जगहों में उग्रवाद भी पनप रहा है।
आज जिले में जितने भी विभाग के कार्यालय एवं कंपनी के रिक्त पद है उन सभी में नियुक्ति की जाए तो बेरोजगारी की कुछ सीमा समाप्त हो सकती है। रिक्त पदों पर इन बेरोजगार युवक-युवतियों का ध्यान है। नयी सरकार के गठन के बाद बेरोजगार काफी आशा लगाये बैठे थे,पर सरकार एवं प्रशासन द्वारा विभिन्न पद के लिए होने वाली नियुक्ति में देरी से उनमें निराशा फैल रही है।
हजारीबाग जिला नियोजन कार्यालय में 2010 में कुल 67027 बेरोजगारों को निबंधन सूची में शामिल किया। इनमें पुरुषों की संख्या 63711 एवं महिलाएं की संख्या 3312 है। इनकी शैक्षणिक योग्यता मैट्रिक से लेकर बीए तक है। जिले में 2010 में 597 लोगों की ही नियुक्ति हो पायी है। इनमें पुरूष की संख्या 583 और महिलाएं की संख्या 14 है।
हजारीबाग जिला नियोजनालय के सूची के अनुसार 66430 युवक-युवतियां जिले में बेरोजगार है। इस बेरोजगारी के कारण से जिले में लूट-पाट व धोखाधड़ी जारी है। नियोजन कार्यालय अपने दायित्वों के प्रति सजग हैं, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि विभाग ने अभी तक इसकी लिखित जानकारी उपायुक्त क ो नहीं दी गयी हैं। इस वर्ष 2011 में कौन-कौन से पद में नियुक्ति होगी इसकी सूचना नियोजनालय को नहीं मिल पायी है। बस बेरोजगार दिन-दिन भर इंतजार कर नियोजनालय में अपना नाम बेरोजगार सूची में चढ़ाकर ही संतुष्ट होना पड़ रहा है(दैनिक जागरण,हजारीबाग,7.1.11)।
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