मप्र शासन के उच्च शिक्षा विभाग ने सात बीएड कॉलेजों के नाम के आगे से स्टार चिह्न् हटा लिया है। शासन की नजर में यह कॉलेज अब ब्लैक लिस्टेड नहीं रहे हैं। इसी तरह दो नए कॉलेजों को स्टार दे दिया है।
इसका मतलब शासन इन्हें ब्लैक लिस्टेड मान रहा है। कॉलेजों की यह अपडेट सूची कॉलेज संचालकों के आग्रह पर जांच दल के दोबारा निरीक्षण के बाद सामने आई है।
जांच दलों की रिपोर्ट एकतरफा और अव्यवहारिक होने से बीएड कॉलेज संचालकों ने उच्च शिक्षा विभाग के समक्ष तथ्यों के साथ पक्ष रखा था। गौरतलब है कि पहले तो विभाग ने एनसीटीई (नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन) के मापदंडों के आधार पर निरीक्षण कर प्रदेश के 37 कॉलेजों को ब्लैक लिस्टेड घोषित कर दिया और तर्क दिया कि ये कॉलेज मापदंडों को पूरा नहीं करते हैं। जब कुछ कॉलेज संचालकों ने विरोध किया तो दूसरी बार हुए निरीक्षण में सामने आया कि कॉलेज सही थे,लेकिन निरीक्षण दलों और लीड कॉलेजों से गलतियां हो गईं हैं।
कहीं-कहीं इन गलतियों को टंकण त्रुटि का नाम दे दिया गया। अब विभाग ने गलती मानकर इन कॉलेजों के आगे से स्टार चिह्न् हटा दिया है। वहीं दोबारा निरीक्षण में ऐसे दो कॉलेज भी सामने आए हैं, जिन्हें पहले निरीक्षण दलों ने सही ठहराया था, लेकिन बाद में ये गलत पाए गए।
सात कॉलेजों के आगे से स्टार हटने और दो के आगे लगने के बाद ब्लैक लिस्टेड कॉलेजों की सूची में अब 32 कॉलेज रह गए हैं। उच्च शिक्षा आयुक्त राजीव रंजन कहते हैं कि विभाग को कुछ कॉलेज संचालकों के प्रतिवेदन प्राप्त हुए थे कि उनका निरीक्षण गलत हुआ है। इसके चलते दोबारा निरीक्षण करवाया गया। जिसमें कुछ के आगे स्टार लगा है, तो कुछ से हटा दिया गया है।
इन कॉलेजों को मिली मुक्ति
सरदार वल्लभ भाई पटले कॉलेज, सेंधवा
सरस्वती ज्ञानपीठ कॉलेज, देवास
आनंद विहार कॉलेज, भोपाल
कर्नल फतेहसिंह कॉलेज ऑफ एजुकेशन, महू
इल्वा कामर्स एंड साइंस कॉलेज, इंदौर
जैन दिवाकर कॉलेज, इंदौर
श्री वैष्णव कॉलेज ऑफ टीचर्स ट्रेनिंग, इंदौर
इनके आगे लगा स्टार
आचार्य विद्यासागर टेक्निकल एजुकेशनल सोसायटी, इटारसी
जीएस कॉलेज ऑफ कामर्स एंड इकोनॉमिक्स, जबलपुर
(दैनिक भास्कर,भोपाल,7.1.11)
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