99.78 पर्सेंटाइल पाने की खुशियां भी ठीक से न मना पाए मुंबई के राहुल प्रसाद के लिए यह खबर झटके जैसी थी कि उन्हें देश के सबसे हॉट मैनेजमेंट संस्थान आईआईएम-अहमदाबाद से कॉल नहीं आई। हालांकि आईआईएम कोलकाता ने उन्हें कॉल किया है लेकिन वे कैट स्कोर के बजाय अपने ग्रैजुएशन के मार्क्स की वजह से पिछड़ गए।
हालांकि 99.76 पर्सेंटाइल स्कोर वाले अतिन जैन को आईआईएम-ए से तो कॉल आया ही, साथ ही लखनऊ, कोलकाता और रांची से भी कॉल आया है। 99.78 से 99.75 पर्सेंटाइल वाले कई छात्र जहां आईआईएम-ए में स्थान नहीं पा सके, वहीं इसी स्कोर पर कई छात्रों को वहां स्थान मिल गया है।
एनबीटी को मिली जानकारी के मुताबिक, आईआईएम-ए ने प्रवेश के लिए छात्र के कैट स्कोर के साथ 10वीं, 12वीं और ग्रैजुएशन के मार्क्स और जॉब एक्सपीरिएंस को भी ध्यान में रखा। इनके लिए अलग-अलग वेटेज रखा गया। जिन छात्रों का एकेडेमिक रेकॉर्ड शानदार नहीं है, वे बेहतरीन कैट स्कोर के बावजूद यहां नहीं चुने जा सके।
सीपीएलसी के डायरेक्टर पराग चितले के मुताबिक, 'ग्रैजुएशन में कम प्रतिशत की वजह से कई छात्र पिछड़ गए। यह बात चौंकानेवाली है। लेकिन आईआईएम-अहमदाबाद के नार्म्स पहले ही घोषित कर दिए गए थे।' राहुल प्रसाद के अनुसार, 'इसमें उन छात्रों का फायदा हुआ है, जो ऐसी यूनिवर्सिटीज से आते हैं, जहां मार्किंग आसान है। मुंबई यूनिवर्सिटी से जुड़े इंजिनियरिंग कॉलेजों में स्कोर करना उतना आसान नहीं है।'
अतिन जैन भी इस बात को स्वीकारते हुए कहते हैं, 'तकरीबन सभी आईआईएम अपना क्राइटेरिया घोषित करते हैं। एकेडेमिक अब काफी महत्वपूर्ण माना जाने लगा है। इसमें साउथ की यूनिवर्सिटीज से इंजिनियरिंग करके आए छात्र बाजी मार ले जाते हैं। जिनके पास जॉब का अनुभव है, उन्हें भी फायदा होता है।'
हालांकि परफेक्ट स्कोरर (100 पर्सेंटाइल) आईआईटी छात्र गौरव मालपानी आईआईएम-ए तक पहुंचने में सफल रहे। उधर 99.52 पर्सेंटाइल पाने के बाद केवल आईआईएम शिलॉंग के कॉल आने से मायूस लग रहे प्रशांत साहनी का कहना है, 'भले मुझे आईआईएम का कॉल नहीं आया, लेकिन वे सबसे पारदर्शी तरीके से चयन करते हैं। कैट का सेक्शनल स्कोर भी वहां देखा जाता है। मुझे मैथ्स के एक सेक्शन में कम मार्क्स मिले, वरना मेरा चयन वहां हो जाता। लेकिन इस बार सबसे ज्यादा चौंकाया है आईआईएम-रांची के कट ऑफ ने। 99.65 या इससे ऊपर स्कोर करनेवालों को ही वहां से कॉल आई है। वे सेक्शनल के बजाय ओवरऑल स्कोर पर ध्यान देते हैं।'
कई छात्रों ने एनबीटी से कहा कि कई आईआईएम में प्रवेश प्रक्रिया इतनी पारदर्शी नहीं है कि हमें पता चले कि हमारा चयन क्यों नहीं हुआ। उधर आईआईएम लखनऊ और कोलकाता ने अपनी पूरी लिस्ट बुधवार को ही जारी कर दी है। इस बार लखनऊ का कट ऑफ भी काफी हाई रहा। सूत्रों के मुताबिक , 99.98 के ऊपर वालों को ही लिस्ट में जगह मिली है। हालांकि इसकी वेबसाइट भी रात तक बैठ चुकी थी। इसलिए पूरी जानकारी नहीं मिल पाई।
वैसे बता दें कि अभी प्रवेश प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है। फरवरी - मार्च में ग्रुप डिस्कशन और पर्सनल इंटरव्यू के बाद ही साफ होगा कि किसका चयन कहां हुआ है। चूंकि इस बार प्रक्रिया ऑनलाइन है , इसलिए आईआईएम जरूरत से बहुत ज्यादा लोगों को कॉल नहीं कर रहे।
कैट वॉक (2010)
. आवेदन - 2,04,267
. परीक्षा में बैठे -99 प्रतिशत
. महाराष्ट्र से सबसे ज्यादा -30,296
. मुंबई से - 20 हजार
. आईआईएम सीटें - 2,000
आईआईएम अहमदाबाद , बंगलुुरू , कोलकाता , इंदौर , रांची , कोझिकोड , रोहतक और शिलांग में एडमिशन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। एसपी जैन समेत कई प्राइवेट संस्थान भी इसी के जरिए प्रवेश देंगे।
(नवभारत टाइम्स,मुंबई,13.1.11)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।