कैट रिजल्ट की वेबसाइट (www.catiim.in) खबर लिखे जाने तक अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही थी। दो लाख छात्रों का बोझ सम्हाल न पाने के कारण बुधवार सुबह से ही यह साइट जाम हो गई और रिजल्ट का इंतजार कर रहे लोगों की बेचैनी बढ़ती गई।
कैट कैंडिडेट सुमित केंद्रे ने आक्रोश में एनबीटी से कहा, 'मैं सुबह से ही आंखें गड़ाए कंप्यूटर के सामने बैठा हूं। लेकिन वेबसाइट खुली नहीं। तकरीबन सभी दोस्त रात भर परेशान रहे। हर साल वेबसाइट पर कोई न कोई पंगा होता है। इस बार कैट एग्जाम ठीक रहा, तो रिजल्ट लटक गया है।'
एक छात्र के मुताबिक, 'सुबह 6-6:30 बजे तक जिन छात्रों ने लॉग इन किया, वे सफल रहे। उसके बाद वेबसाइट पर लॉग इन नहीं हो पाया। एक प्रतिशत से भी कम छात्र अब तक रिजल्ट देख पाए हैं।' मुंबई के कैट कोचिंग केंद्र सीपीएलसी के डायरेक्टर पराग चितले ने एनबीटी से कहा, 'वेबसाइट जाम होने के बाद छात्रों ने कैट के कॉल सेंटर पर कॉल किया, तो जवाब मिला कि रात तक बेवसाइट सही हो जाएगी। लेकिन रात 8 बजे तक अधिकतर छात्र स्कोर जानने के लिए तड़पते रहे।' कोचिंग केंद्र 'करियर फोरम' के प्रवक्ता ने बताया कि उनके केंद्रों के बहुत छात्र रात तक अपना रिजल्ट देख पाए थे। हालांकि सुबह 6 बजे लॉग इन करनेवाले राहुल प्रसाद लकी रहे।
इस बाबत एनबीटी ने कैट के कॉल सेंटर कई बार कॉल किया, लेकिन दिन भर लाखों कैंडिडेट्स द्वारा कॉल किए जाने की वजह से इसकी लाइनें भी जाम रहीं। खबर लिखे जाने तक वेबसाइट और कॉल सेंटर दोनों जाम रहे।
गौरतलब है, वेबसाइट 4 जनवरी को भी चर्चा में आ गई थी जब कई छात्रों का रिजल्ट इस पर अचानक आ गया था। उस समय कैट और वेबसाइट मेंटेन करनेवाली कंपनी ने इसे असली रिजल्ट मानने से इंकार करते हुए घटना को महज टेस्टिंग कहकर खारिज कर दिया था। हालांकि छात्रों ने उस समय दावा किया था कि कैट रिपोर्ट कार्ड हूबहू असली था। इसमें बाकायदा उनकी डीटेल्स और फोटो के अलावा अंक सूची भी थी। इसमें अंक भी उतने थे जितने की उन्हें उम्मीद थी।
बता दें, कैट एग्जाम देश के तीस केंद्रों में 28 नवंबर से 7 दिसंबर के बीच आयोजित किया गया था।
(नवभारत टाइम्स,मुंबई,13.1.11)
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