राजस्थान मंत्रिमंडल की उप-समिति और राजस्थान गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के बीच समझौता होने के बाद प्रदेश में 17 दिनों से जारी गुर्जर आरक्षण आंदोलन बुधवार को समाप्त हो गया।
राजस्थान गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला और मंत्रिमंडल समिति के अध्यक्ष गृह मंत्री शांति धारीवाल ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान यह घोषणा की। कर्नल बैंसला के अनुसार सरकार राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश के पालन में विशेष पिछड़ा वर्ग [गुर्जर, गाड़ियालुहार, बंजारा और रेबारी]। को चार प्रतिशत आरक्षण देने के लिए इन जातियों का छह महीने में सर्वे कराएगी। इन जातियों को मौजूदा समय में मिल रहा एक प्रतिशत आरक्षण जारी रहेगा।
धारीवाल ने कहा कि सरकार राजस्थान हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर विशेष पिछड़ा वर्ग का आरक्षण होने तक चार प्रतिशत आरक्षण पर लगाई रोक को [कर्नाटक और तमिलनाडु की तर्ज पर] हटाने की अपील करेगी। उन्होंने कहा कि जातियों के सर्वे करने के उपरान्त यदि विशेष पिछड़ा वर्ग में कुछ अन्य जातियां जुड़ती हैं तो अन्य पिछड़ा वर्ग [ओबीसी] द्वारा की गई सिफारिश के अनुसार विशेष पिछड़ा वर्ग [एसबीसी] आरक्षण अलग से बढ़ा दिया जाएगा।
कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने राज्य सरकार द्वारा आरक्षण आन्दोलन के समाधान के लिए गृहमंत्री शान्ति धारीवाल की अध्यक्षता में तीन मंत्रियों, ऊर्जा मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह, यातायात मंत्री बृज किशोर शर्मा से करीब छह घटे से अधिक की बातचीत की और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से भेंट करने के बाद शासन सचिवालय में संवाददाताओं के समक्ष 17 दिनों से जारी गुर्जर आन्दोलन को समाप्त करने की घोषणा की।
गृहमंत्री धारीवाल ने कहा कि गुर्जर आंदोलनकारियों पर पिछले और मौजूदा आन्दोलन के दौरान दर्ज मुकदमों को वापस लेने पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि विशेष पिछड़ा वर्ग में शामिल चार जातियों के अलावा 82 जातियों का सर्वे किया जाएगा। सर्वे कराने वाली एजेंसी के बारे में कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला से विचार-विमर्श के बाद तय किया जाएगा(दैनिक जागरण,जयपुर,6.1.11)।
नवभारत टाइम्स की रिपोर्टः
राजस्थान की सरकारी नौकरियों में 5 % रिजर्वेशन को लेकर आंदोलन कर रहे गुर्जरों और प्रदेश सरकार के बीच समझौता हो गया है। इसके बाद गुर्जर आंदोलनकारियों के नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने 17 दिनों से चल रहे आंदोलन को खत्म करने की घोषणा कर दी।
राजस्थान गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष बैंसला और मंत्रिमंडल समिति के अध्यक्ष गृह मंत्री शांति धारीवाल ने संयुक्त रूप से समझौते की घोषणा की। कर्नल बैंसला के अनुसार, सरकार राजस्थान हाई कोर्ट के आदेश के तहत विशेष पिछड़ा वर्ग (गुर्जर, गाड़ियालुहार, बंजारा और रेबारी ) को 4% और आरक्षण देने के लिए इन जातियों का छह महीने में सर्वे कराएगी और तब तक पहले की तरह इन जातियों को एक फीसदी आरक्षण जारी रहेगा। इस दौरान होने वाली भर्तियों में 4% पद सुरक्षित रखे जाएंगे। पिछड़ा वर्ग आयोग में पक्ष में रिपोर्ट आने पर विशेष अभियान चला कर इस बैकलॉग को भरा जाएगा।
धारीवाल ने कहा कि सरकार राजस्थान हाई कोर्ट में एक याचिका दायर कर विशेष पिछड़ा वर्ग को आरक्षण मिलने तक 4% आरक्षण पर लगाई गई रोक को कर्नाटक और तमिलनाडु की तर्ज पर हटाने की अपील करेगी। गौरतलब है कि तमिलनाडु और कर्नाटक में 50 फीसदी से अधिक आरक्षण रोका नहीं गया है, इसलिए इस राज्य सरकार हाई कोर्ट के फैसले पर रिव्यू पिटीशन दाखिल करेगी। समझौते के मुताबिक, आरक्षण विधेयक को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करवाने के लिए केंद्र को फिर से लिखा जाएगा।
इसके अलावा, गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनी समिति गुर्जरों के खिलाफ मुकदमों की समीक्षा कर उन्हें कानूनी रूप से वापस लेने के बारे में दो महीने में फैसला करेगी। देवनारायण बोर्ड गठित कर उसमें चारों जातियों के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाएगा। गुर्जर बाहुल्य पिछड़े क्षेत्रों में शिक्षण संस्थाएं, मेडिकल सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी और गुर्जर आंदोलन में मृतकों के जिन आश्रितों को नौकरी नहीं मिली है, उन्हें नौकरी दी जाएगी।
नवभारत टाइम्स की रिपोर्टः
राजस्थान की सरकारी नौकरियों में 5 % रिजर्वेशन को लेकर आंदोलन कर रहे गुर्जरों और प्रदेश सरकार के बीच समझौता हो गया है। इसके बाद गुर्जर आंदोलनकारियों के नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने 17 दिनों से चल रहे आंदोलन को खत्म करने की घोषणा कर दी।
राजस्थान गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष बैंसला और मंत्रिमंडल समिति के अध्यक्ष गृह मंत्री शांति धारीवाल ने संयुक्त रूप से समझौते की घोषणा की। कर्नल बैंसला के अनुसार, सरकार राजस्थान हाई कोर्ट के आदेश के तहत विशेष पिछड़ा वर्ग (गुर्जर, गाड़ियालुहार, बंजारा और रेबारी ) को 4% और आरक्षण देने के लिए इन जातियों का छह महीने में सर्वे कराएगी और तब तक पहले की तरह इन जातियों को एक फीसदी आरक्षण जारी रहेगा। इस दौरान होने वाली भर्तियों में 4% पद सुरक्षित रखे जाएंगे। पिछड़ा वर्ग आयोग में पक्ष में रिपोर्ट आने पर विशेष अभियान चला कर इस बैकलॉग को भरा जाएगा।
धारीवाल ने कहा कि सरकार राजस्थान हाई कोर्ट में एक याचिका दायर कर विशेष पिछड़ा वर्ग को आरक्षण मिलने तक 4% आरक्षण पर लगाई गई रोक को कर्नाटक और तमिलनाडु की तर्ज पर हटाने की अपील करेगी। गौरतलब है कि तमिलनाडु और कर्नाटक में 50 फीसदी से अधिक आरक्षण रोका नहीं गया है, इसलिए इस राज्य सरकार हाई कोर्ट के फैसले पर रिव्यू पिटीशन दाखिल करेगी। समझौते के मुताबिक, आरक्षण विधेयक को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करवाने के लिए केंद्र को फिर से लिखा जाएगा।
इसके अलावा, गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनी समिति गुर्जरों के खिलाफ मुकदमों की समीक्षा कर उन्हें कानूनी रूप से वापस लेने के बारे में दो महीने में फैसला करेगी। देवनारायण बोर्ड गठित कर उसमें चारों जातियों के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाएगा। गुर्जर बाहुल्य पिछड़े क्षेत्रों में शिक्षण संस्थाएं, मेडिकल सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी और गुर्जर आंदोलन में मृतकों के जिन आश्रितों को नौकरी नहीं मिली है, उन्हें नौकरी दी जाएगी।
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