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09 जनवरी 2011

दिल्ली में नर्सरी दाखिलाःगरीबी कोटे में नहीं चलेगी पब्लिक स्कूलों की मनमानी

राजधानी के पब्लिक स्कूल सामन्य दाखिले में तो मनमानी करते ही हैं, साथ ही वे शिक्षा के अधिकार कानून के तहत 25 फीसदी सीट पर गरीब बच्चों के होने वाले दाखिले में खेल करने से बाज नहीं आते। अकसर वे अपने स्टाफ या अन्य जान-पहचान के व्यक्ति के बच्चों को दाखिला देकर कोटा पूरा दिखा देते हैं। बड़े पैमाने पर होने वाले इस गड़बड़झाला को रोकने के लिए शिक्षा निदेशालय ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। निदेशालय ने साफ कर दिया है कि चाहे जो हो जाए, आर्थिक पिछड़े वर्ग की सीटों पर स्कूलों की चालाकी नहीं चलने दी जाएगी। स्कूलों को सीटों को भरने से लेकर, इस वर्ग के दाखिले की पूरी प्रक्रिया की जानकारी न केवल सार्वजनिक करनी होगी, बल्कि निदेशालय इसमें अपनाई जाने वाली लॉटरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी करवाएगा। इस वर्ग के बच्चे का दाखिला रद करने पर स्कूल को इसका कारण बताना होगा। निदेशालय ने अभिभावकों को अधिकार दिया है कि वे यह जान सकें कि उनके बच्चे को दाखिला देने से मना क्यों किया गया? इतना ही नहीं दाखिला रद करने के कारणों की भी वीडियो रिकार्डिग होगी जो कि अभिभावकों को बतानी होगी। आर्थिक पिछड़े वर्ग के बच्चों को दाखिले में राहत देते हुए सरकार ने इस वर्ग के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। दिशा-निर्देशों में स्कूलों को स्पष्ट किया गया है कि अगर स्कूल को किसी कारण से दाखिला निरस्त करना पड़ता है तो इसको रिकार्ड करना होगा। इस रिकॉर्डिग की जानकारी अभिभावकों को भी देनी होगी जिससे कि वह जान सकें कि दाखिला क्यों निरस्त किया गया। शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी किए गए निर्देशों के अनुसार दाखिले के लिए ड्रा निकालने की प्रक्रिया की वीडियोग्राफी होगी और इसकी सीडी या डीवीडी उपशिक्षा निदेशक को सौंपनी होगी जिससे कि वह जान सकें कि दाखिले का लाभ कितने बच्चों को हुआ है। दिशा-निर्देश में कहा गया है कि हर स्कूल में 25 फीसदी सीटें इस वर्ग के लिए आरक्षित होंगी। इस वर्ग की सीटों के लिए निजी स्कूलों को जो भुगतान किया जाएगा, वह उतना ही होगा जितना सरकार अपने स्कूलों के बच्चों पर खर्च करती है। स्कूलों पर जिला दाखिला मॉनिटरिंग कमेटी की भीनजर रहेगी। इसमें गरीब वर्ग से संबंधित अभिभावक स्कूलों की शिकायत कर सकते हैं। इसके तहत अभिभावकों को लाभ देने के लिए हेल्प डेस्क का भी गठन किया गया है(दैनिक जागरण,दिल्ली,9.1.11)।

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