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20 जनवरी 2011

बोर्ड परीक्षा के लिए हिंदी की तैयारी

बोर्ड परीक्षा की तैयारी में जुटे परीक्षार्थियों को हिंदी का विस्तृत पाठ्यक्रम अक्सर परेशान करता है। बच्चों के मन में प्रश्नपत्र को हल करने को लेकर कई संशय रहते हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि पढ़ाई के तरीकों में बदलाव करके और उत्तर के प्रस्तुतिकरण को आकर्षक बना कर बोर्ड परीक्षा के हिंदी विषय में विशेष योग्यता भी पायी जा सकती हैं। यूपी : पुस्तकों का अध्ययन जरूरी सबसे पहले तो पाठ्यक्रम की सभी पुस्तकों का अध्ययन ध्यानपूर्वक करें। अध्ययन के दौरान महत्वपूर्ण बातों को एक जगह लिख लें और उनको दोहराते रहें। गद्य खंड में जीवनी के लिए भारतेंदु हरिशचंद्र, महावीर प्रसाद द्विवेदी, सरदार पूर्ण सिंह, डॉ.सम्पूर्णानंद महत्वपूर्ण हैं। नमक का दरोगा, पुरस्कार, परदा व वसीयत कथा भारती के महत्वपूर्ण अध्याय हैं। काव्य खंड में व्याख्या की दृष्टि से कबीर, सूर, तुलसी, बिहारी व जय शंकर प्रसाद के अध्याय महत्वपूर्ण हैं। खंड काव्य का सारांश व नायक का चरित्र चित्रण अवश्य पढ़ लें। तृतीय प्रश्नपत्र में वंदना, प्रयाग:, सदाचारोपदेश:, गीतामृतम् व सुभाषचंद्र: पाठ महत्वपूर्ण हैं। अवकाश व शिकायती पत्रों का लिखित अभ्यास करें। समसामयिक विषयों के निबंध पढ़ते रहें। बहुविकल्पीय प्रश्नों की तैयारी के लिए साहित्य का इतिहास ठीक ढंग से पढ़ें। सीबीएसई : समय का रखें ध्यान बोर्ड परीक्षा में हिंदी विषय का एक ही प्रश्नपत्र होगा। प्रश्नपत्र चार खंडों में विभाजित होगा। पहला खंड व्याकरण से संबंधित होता है। इसमें संचार माध्यम से एक-एक अंक के पांच प्रश्न पूछे जाने की उम्मीद रहती है। पांच अंकों का पत्र लेखन, पांच अंकों का निबंध और पांच अंकों का फीचर या आलेख लेखन का प्रश्न पूछा जा सकता है। निबंध तीन सौ शब्दों से अधिक का न लिखें। पंद्रह अंकों में गद्य व पद्य के अपठित खंड से प्रश्न पूछे जाते हैं। इसके लिए ध्यान से खंड को पढ़कर, बिंदुवार उत्तर दें। आरोह पुस्तक से काव्य व गद्य खंड के प्रश्न रहते हैं। इसके लिए पुस्तकों का अध्ययन आवश्यक है। समय कम रहता है, इसलिए अनावश्यक बातों को लिखने से बचें। व्याकरण की तैयारी एनसीईआरटी की पुस्तक से करें। आइएससी : व्याकरण का रखें ध्यान परीक्षा में व्याकरण से संबंधित करीब चालीस फीसदी प्रश्न पूछे जाते हैं। इन प्रश्नों के सही उत्तर पर पूरे अंक प्राप्त होते हैं, अत: इसकी अच्छी तरह से तैयारी करें। पाठ्यपुस्तक का अध्ययन अवश्य करें, तभी आप गद्य व पद्य खंडों की व्याख्या कर सकते हैं। प्रश्नपत्र में काफी संख्या में बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे जाते हैं, इनका कम से कम शब्दों में उत्तर दें।

कुछ महत्वपूर्ण टिप्स
प्रश्नपत्र को ध्यानपूर्वक पढ़ें। परीक्षा में कभी-कभी नकारात्मक प्रश्न भी पूछे जा सकते हैं। बहुविकल्पीय प्रश्न इस तरह के हो सकते है, अत: ध्यानपूर्वक प्रश्नपत्र पढ़ें। एक प्रश्न के कई खंड होते हैं, कोशिश करें कि एक साथ उनका क्रमिक उत्तर दें। संदर्भ में पाठ तथा कवि या लेखक का नाम गलत नहीं होना चाहिए। यह गलत होने से परीक्षक पर गलत प्रभाव पड़ सकता है। काव्य या गद्य खंड की भावपूर्ण व्याख्या करें। सूक्तियों की अनावश्यक व्याख्या से बचें। पाठ का नाम, कवि या लेखक का नाम, जन्म तिथि, जन्म स्थान, उनके माता-पिता का नाम, मृत्यु व प्रमुख कृतियों का एक चार्ट बनाकर अपने कमरे में चिपका लें। दिन में दो-चार बार उसे देख लें, सभी का जीवन परिचय खुद-ब-खुद तैयार हो जाएगा। काव्य या गद्य खंड की व्याख्या के साथ उसका काव्य या साहित्यिक सौंदर्य भी लिखें। स्वच्छ और सुंदर लेख आपके अंकों को बढ़ा सकता है। समय प्रबंधन पर विशेष ध्यान दें। हर प्रश्न का संतुलित उत्तर दें। कई बार परीक्षार्थी अच्छी तरह से आने वाले प्रश्न का बहुत विस्तार में उत्तर लिखते हैं और कुछ को बहुत संक्षिप्त रूप में ही समाप्त कर देते हैं। इससे बचें। तीन सौ शब्दों से अधिक का निबंध न लिखें। पैराग्राफ की अपेक्षा शीर्षक व उप-शीर्षक में बांटकर निबंध लिखें।
(दैनिक जागरण,लखनऊ,20.1.11)।

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