झारखंड में समेकित बाल विकास परियोजना के लिए बाल विकास पदाधिकारी (सीडीपीओ) की नियुक्ति संबंधी सेवा नियमावली तैयार की जा रही है. समाज कल्याण महिला और बाल विकास मंत्रालय की ओर से 2006-07 से लंबित नियमावली बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है.
विभागीय मंत्री विमला प्रधान ने जल्द सेवा नियमावली तैयार कर उसे कैबिनेट से पारित कराने का आदेश दिया है.राज्य की 204 परियोजनाओं में सिर्फ एक सौ बाल विकास परियोजना पदाधिकारी ही कार्यरत हैं. शेष जगहों पर अंचलाधिकारी और प्रखंड विकास पदाधिकारियों को सीडीपीओ का प्रभार सौंपा गया है. इससे कई जगहों पर योजना को क्रियान्वित करने में विभाग को काफी परेशानी का सामना भी करना पड़ता है. अलग राज्य के गठन के 10 वर्षो बाद भी सीडीपीओ स्तर के अधिकारियों की सेवा नियमावली नहीं बनी है.
नियमावली में नियुक्ति संबंधी अर्हता, प्रोन्नति, वेतनमान,सुनिश्चित लाभ योजना और अन्य सेवा शर्तो को शामिल किया जायेगा. नियमावली में 75 प्रतिशत रिक्त पदों को झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) के माध्यम से भरे जाने की बातें शामिल की जा रही है. 25 पदों को नियमित प्रोन्नति से भरने का प्रावधान भी किया जा रहा है. फिलहाल, सीडीपीओ स्तर के अधिकारियों को 6500 से 10500 का वेतनमान दिया जा रहा है.
इनका ग्रेड पे का निर्धारण और अन्य शर्तो का उल्लेख भी नियमावली में किया जायेगा. इसके अतिरिक्त प्रोन्नति, सुनिश्चित लाभ योजना, स्थानांतरण और अन्य सेवा शर्तो का भी समावेश नियमावली में किया जायेगा(प्रभात खबर,रांची,19.1.11).
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