बोर्ड परीक्षाओं की घोषणा हो चुकी है। वक्त है डेटशीट को देखते हुए तैयारी की रणनीति बनाने और उस पर खरे उतरने का। यही परीक्षा है जो आपके कैरियर की दिशा तय करने में मील का पत्थर साबित होगी। कैसे मार सकते हैं आप इस परीक्षा में बाजी, जानते हैं कुछ एक्सपर्ट्स से-
उत्तर प्रदेश बोर्ड
(चिंतामणि सिंह प्रधानाचार्य/निदेशक, ज्वाला देवी विद्या मंदिर इंटर कॉलेज, इलाहाबाद)
यूपी बोर्ड परीक्षा 17 मार्च से शुरू हो रही है, यानी इसमें करीब दो महीने बचे हैं। इस बार परीक्षा बदले प्रारूप में होगी। हाईस्कूल में सभी विषयों में एक-एक ही प्रश्न पत्र होंगे, सो तैयारी का स्वरूप भी बदला हुआ है। इंटर में पेपर पैटर्न और मूल्यांकन का तरीका बदला जा रहा है। अब किताबों में भटकाव का वक्त नहीं है। छात्रों को उन टॉपिक्स को चुन लेना चाहिए, जिनसे अधिक नंबर के सवाल पूछे जाते हैं। किताब से मुख्य बिंदु, उदाहरण, सूत्र, समीकरण को कॉपी में उतार लें। परीक्षा से ठीक पहले ये नोट्स ही काम आएंगे।
12वीं साइंस के छात्रों के लिए पीसीएम अच्छा स्कोर करने के मुख्य आधार हैं। फिजिक्स के पहले पेपर में उष्मा, प्रकाश तथा तरंग के विभिन्न टॉपिक्स पर ध्यान दें। व्यतिकरण, विवर्तन, ध्रुवण, डॉप्लर प्रभाव, प्रकाश की प्रवृत्ति, गोलीय पृष्ठों पर प्रकाश का प्रभाव, अपवर्तन, विघटन, प्रकाशनीति, तापमापिनी, उष्मा गतिकी, उष्मा का संचरण से सवाल होंगे। दूसरे पेपर में वैद्युत विभव, वैद्युत धारिता, विद्युत चालक, चुंबक से ज्यादातर सवाल होंगे। केमिस्ट्री में रासायनिक साम्यता, उत्प्रेरण, विलयन, पेट्रोलियम, अभिक्रियाओं की क्रियाविधि, मात्रात्मक विश्लेषण, यौगिक व उनकी आंतरिक संरचना, आयतनिक विश्लेषण, जनरल केमिस्ट्री, धातुकर्म महत्वपूर्ण टॉपिक हैं, जिसमें 95 फीसदी से अधिक सवाल होते हैं।
मैथ्स में ऊंचाई, दूरी, त्रिभुजों का साधन, गति नियमों का अनुपालन संघट्ट और वेक्टर से अधिक सवाल होते हैं। मैथ्स में उदाहरणों पर अधिक जोर होता है, इसलिए सूत्र, समीकरणों के सहारे खुद से सवाल तैयार कर उसका हल तलाशना चाहिए। कॉमर्स में मैथ्स और अकाउंट्स में उदाहरण अहम होते हैं। अकाउंट्स में ज्यादातर ऐसा देखा गया है कि किताबों से बाहर के ही सवाल पूछे जाते हैं। इसलिए इसकी तैयारी करते समय सवाल देखने के बजाय, हल करने चाहिए। जहां तक संभव हो, सवालों का जवाब क्रम में दें। एग्जामिनर को कम समय में अधिक कापियां जांचनी होती हैं। क्रम सही न होने
पर वह खीझ जाता है। जवाब में मुख्य हिस्सा हाईलाइट करें, ताकि परीक्षक की निगाह सीधे वहीं जाए। यूपी बोर्ड के हिन्दी माध्यम वाले छात्रों को ग्रामर पर अधिक जोर देना चाहिए।
उत्तराखंड बोर्ड
(डॉ. कुसुम नैथानी, प्रधानाचार्या, फूलचंद नारी शिल्प कन्या इंटर कॉलेज, देहरादून)
उत्तराखंड बोर्ड के एग्जाम्स में भी यूपी बोर्ड की तरह ही डेढ़ से दो महीने बाकी हैं। लेकिन छात्रों को पहले फरवरी से होने वाले प्री-बोर्ड पर फोकस करना चाहिए। इसमें इंटरनल मार्किंग होगी, लेकिन पैटर्न बोर्ड जैसा होगा। इससे कमियां जानने का मौका मिल जाएगा। टेक्स्ट बुक से पढ़ाई करना सबसे बेहतर है, क्योंकि इससे आपको बेसिक्स बिल्कुल क्लियर हो जाएंगे।
-12वीं साइंस साइड, खासतौर पर पीसीएम वाले छात्रों को सबसे ज्यादा ध्यान फॉर्मूलों पर देना होगा। जरूरी है कि वह प्रश्न को स्टेप-बाई-स्टेप हल करें। इससे सही सवाल करने पर पूरे अंक मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
-कॉमर्स, एकाउंट्स के छात्र-छात्राओं के लिए जरूरी है कि वह अपने फंडामेंटल्स क्लियर कर लें, उसके बाद सवाल हल करें। परीक्षा में सभी प्रश्नों पर बराबर समय लगाएं। कार्य पूरा करने के बाद एक बार चेक जरूर कर लें कि कहीं कुछ छूट तो नहीं गया।
-आर्ट्स के छात्र-छात्राओं के लिए जरूरी है कि वह ऑब्जेक्टिव टाइप के प्रश्नों पर पूरा ध्यान दें। इनमें पूरे मार्क्स मिलेंगे। इसके अलावा अपने लेखन की स्वच्छता का भी ध्यान रखें। यह धारणा बिल्कुल न बनाएं कि परीक्षक कॉपी भरने से संतुष्ट होगा। पूरा पेपर पढ़ने के बाद ही उसे हल करना शुरू करें। प्रश्नों को उत्तर-पुस्तिका पर लिखने की कोई जरूरत नहीं। रटी-रटाई भाषा में उत्तर न दें, तो अच्छा होगा। झलकना चाहिए कि आपको विषय का अच्छा ज्ञान है। जहां जरूरत हो, प्वाइंटर्स में अपनी बात कहें। जितना लिखें, वह सटीक हो। बात स्पष्ट करने के लिए आवश्यकतानुसार उदाहरण और डायग्राम आदि का प्रयोग करेंगे, तो ज्यादा अच्छा रहेगा।
-10वीं बोर्ड के हिंदी मीडियम से परीक्षा में बैठने वाले छात्र-छात्राओं को अंग्रेजी विषय में खास तैयारी करने की जरूरत है। वह रटने के बजाय समझने पर ध्यान दें। ग्रामर के नियमों पर पकड़ मजबूत करने से कई मुश्किलें आसान हो जाएंगी। इसके अलावा पिछले सालों के अनसॉल्व्ड प्रश्न हल करना भी उनके लिए फायदेमंद रहेगा। मैथ्स में भी साइंस की तरह ही फंडामेंटल्स क्लियर होने चाहिए। अगर फॉर्मूलों की बनावट पर ध्यान देंगे, तो घुमावदार प्रश्नों को हल करने में आसानी होगी। प्रत्येक सवाल को स्टेप-बाई-स्टेप हल करने की कोशिश करें, क्योंकि हर स्टेप के नंबर होते हैं। अगर कोई सवाल न आता हो, तो उस पर समय बर्बाद न करें। टाइम मैनेजमेंट का ख्याल रखें। अंतिम 10 मिनट में अपनी कॉपी पर एक नजर जरूर डालें।
सीबीएसई बोर्ड
(प्रेमलता गर्ग, प्रधानाचार्य, डीएवी पब्लिक स्कूल, श्रेष्ठ विहार, दिल्ली)
सीबीएसई बोर्ड परीक्षा 1 मार्च से शुरू हो रही है। 10वीं सीबीएसई बोर्ड परीक्षा दे रहे छात्रों में से अधिकांश ऐसे हैं, जिन्हें 10वीं के बाद स्कूल बदलना है। ऐसे छात्र जो अपने स्कूल में ही परीक्षा देंगे, उनके पेपर भी स्कूल में ही चेक होंगे। दोनों तरह की परीक्षाओं का सिलेबस और प्रश्नों का पैटर्न एक ही होगा, केवल प्रश्न अलग होंगे। 10वीं के मार्किंग पैटर्न में पिछले साल से थोड़ा बदलाव आया है। अब मार्किंग में इंटरनल मार्क्स और एक्टिविटीज भी शामिल है। बाकी 12वीं का मार्किंग पैटर्न तो पिछले साल की तरह ही है।
जो टॉपिक्स तैयार हो गए, उनका लगातार रिवीजन करते रहें। इससे आपका उत्साह बढ़ेगा और रहे-सहे विषय भी आप आसानी से पूरे कर लेंगे। एनसीईआरटी पुस्तकों पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करें। साइंस, कॉमर्स और आर्ट्स, तीनों साइड के छात्रों को सभी विषयों पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि एक विषय में खराब प्रदर्शन से उनका एग्रीगेट खराब हो सकता है। भविष्य में फॉर्म या सीवी पर इन्हीं एग्रीगेट नंबर का विवरण देना होगा। ट्यूशन तभी जाएं, जब कोई समस्या हो। सैंपल पेपर्स हल करते वक्त टू दि प्वाइंट उत्तर देने की आदत डालें। जो पूछा गया है, उसी का जवाब दें। डायग्राम, उदाहरण या फिर स्पष्टीकरण, जो प्रश्न में मांगा गया है, वही दें। रंग-बिरंगे पेन या पेंसिल प्रयोग करने की बजाय मुख्य प्वॉइंट्स को अंडरलाइन करें। स्केल से मार्जिन बनाने की बजाय शीट को दोनों तरफ से मोड़कर मार्जिन बना सकते हैं।
कुछ अहम टिप्स-
-अपनी क्षमता को पहचानें। क्षमता से अधिक दिमाग पर बोझ न बढ़ाएं। दिन का व्यावहारिक लक्ष्य निर्धारित करें। सभी आसान विषयों को एक ही दिन में न पढ़ें। सभी कठिन विषयों को भी एक ही दिन में एक साथ न पढ़ें। बीच में ब्रेक लेने के लिए रुचिकर विषयों को पढ़ सकते हैं।
-अच्छे भोजन की भांति अध्ययन में भी सभी आवश्यक तत्वों का होना जरूरी है। अपनी कार्यकुशलता के लिए दिन की शुरुआत आसान विषयों से ही करें। तत्पश्चात दो से तीन घंटे कठिन लगने वाले विषयों का अध्ययन करें।
-यदि प्री-बोर्ड परीक्षा अच्छी नहीं हुई है, तो घबराने की बजाय कमजोर विषयों पर अधिक समय देने की जरूरत है। और अगर परीक्षा अच्छी हुई है, तो ध्यान रहे कि यह वास्तविक परीक्षा नहीं थी। ऐसे में आत्मविश्वास बनाए रखते हुए और बेहतर तैयारी करें।
-प्रतिदिन निर्धारित समय में एक प्रश्न-पत्र हल करने का नियम बनाएं। इसका समय सुबह लगभग 10 बजे से एक बजे के बीच का रखें। अपने बोर्ड के मार्किंग पैटर्न के मुताबिक ही अपने उत्तरों को जांचें। एकाग्रता बढ़ाने के लिए रोज हल्का व्यायाम भी करना चाहिए।
(गीतांजलि कुमार-कैरियर काउंसलर)(कुलदीप/ प्रवेश कुमारी/ पंकज विजय,अमर उजाला,18.1.11)
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