परीक्षा की तैयारी को उठाया गया यूपी बोर्ड का हर कदम उलटा पड़ता नजर आ रहा है। परीक्षा शुरू होने पर नकलमाफिया को कैसे रोकेंगे, दिगर बात है, बोर्ड की तरफ से जारी परीक्षा कार्यक्रम में ही भारी खामियां हैं। परीक्षा के दौरान बारहवीं के कुछ छात्रों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।
आननफानन में तैयार कार्यक्रम में बोर्ड ने कई महत्वपूर्ण पेपर एक ही दिन रख दिए हैं। मसलन ३० मार्च को पहली पाली में इतिहास प्रथम प्रश्न पत्र की परीक्षा है जबकि उसी दिन दूसरी पाली में हिन्दी द्वितीय प्रश्न पत्र की परीक्षा है। इसी तरह छह अप्रैल को पहली पाली में नागरिक शास्त्र द्वितीय प्रश्न पत्र और दूसरी पाली में अंग्रेजी प्रथम प्रश्न पत्र की परीक्षा है। आठ अप्रैल को अर्थशास्त्र और अंग्रेजी के द्वितीय प्रश्न पत्र साथ हैं। समाजशास्त्र के पेपर इतिहास और भूगोल के साथ पड़ रहे हैं।
यानी बारहवीं के कला वर्ग के छात्रों के लिए खासी मुश्किल होगी। जिन छात्रों ने हिन्दी, अंग्रेजी के साथ इतिहास, नागरिक शास्त्र, अर्थशास्त्र समाजशास्त्र, भूगोल में से वैकल्पिक विषय लिए होंगे, उन्हें हर दिन दो-दो परीक्षाएं देनी होंगी जबकि इसके उलट विज्ञान वर्ग वालों को हर विषय में गैप मिला है। अभिभावक मनोज कुमार सिंह और लल्लन प्रसाद यादव ने इस मसले पर बोर्ड अधिकारियों से बात की लेकिन बदलाव का कोई संकेत नहीं मिला। बोर्ड सचिव प्रभा त्रिपाठी ने माना कि इन कॉमन विषयों वाले साढ़े तीन से चार लाख परीक्षार्थियों को परेशानी हो सकती है। उनका कहना है कि जनगणना के कारण मार्च के शुरुआती १५ दिन परीक्षा नहीं रखी गई और अप्रैल में ज्यादा लंबा ले जाना संभव नहीं था इसलिए दिक्कत हो रही है(अमर उजाला,इलाहाबाद,15.1.11)।
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