कई कोटियों के सिपाहियों की नियुक्ति में गड़बडि़यों को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए पटना उच्च न्यायालय ने गुरुवार को केन्द्रीय चयन आयोग को सभी सफल उम्मीदवारों की सूची कोर्ट में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। चयन पर्षद को शुक्रवार तक यह सूची न्यायालय में सौंपनी होगी। इस बीच न्यायाधीश जेएन सिंह की अदालत ने प्रवीण कुमार व अन्य द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई जारी रखी। अदालत देखना चाहती है कि उम्मीदवारों को किस आधार पर सफल घोषित किया गया है? मालूम हो कि अदालत ने कई शिकायतों के आधार पर पिछले सप्ताह सफल घोषित उम्मीदवारों के सिपाही पद पर योगदान कराने से रोक लगा दिया था। इनमें बीएमपी, महिला बटालियन, रेलवे पुलिस आदि शामिल है। 10,110 पदों के लिए 2009 में विज्ञापन निकाला गया था। याचिकाकर्ताओं की ओर से शिकायत की गयी है कि मेरिट लिस्ट में अधिक अंक रहने के बावजूद कम अंक प्राप्त करने वालों को नियुक्त कर लिया गया है। वरीय अधिवक्ता राजेन्द्र प्रसाद सिंह ने बताया कि पहली सूची में सफल हुए लोगों को नजरअंदाज कर बाद में प्रकाशित सूची में शामिल लोगों को तरजीह दी गयी। वहीं राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि इसमें तकनीकी दोष हो सकता है परन्तु अनियमितता नहीं हुई है(दैनिक जागरण,पटना,14.1.11)।
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