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31 जनवरी 2011

बिहार में व्याख्याता बहाली आयोग के जरिए होगी

राज्य में उच्च शिक्षा के लिए आयोग का गठन होगा। प्रस्तावित आयोग के जरिए ही विश्वविद्यालयों में प्रोफेसर, रीडर, लेक्चरर और प्रिंसिपलों की नियुक्ति होगी। नए आयोग का ड्राफ्ट बनकर तैयार हो गया है । अब इसे सिर्फ कानूनी रूप दिया जाना है। सूत्रों के मुताबिक , आयोग के गठन के लिए तैयार ड्राफ्ट की विभागीय स्तर पर समीक्षा के बाद इस पर विधि विभाग, वित्त विभाग एवं सामान्य प्रशासन विभाग की स्वीकृति ली जाएगी। उसके बाद इसे मंजूरी के लिए कैबिनेट भेजा जाएगा। वहां से स्वीकृति के बाद आयोग अस्तित्व में आएगा। सूत्रों की मानें, तो विश्वविद्यालयों के अंगीभूत महाविद्यालयों के साथ ही संबद्ध डिग्री कॉलेजों में भी आयोग की अनुशंसा पर ही शिक्षण से जुड़े तमाम पदों पर नियुक्तियां होंगी। आयोग में अध्यक्ष सहित छह सदस्य होंगे। आयोग के ड्राफ्ट में अध्यक्ष और सदस्यों का कार्यकाल एवं नियुक्ति प्रक्रिया भी तय कर दी गई है। मानव संसाधन विकास विभाग द्वारा यह भी निर्धारित हो गया है कि उच्च शिक्षा के इस नए आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों की योग्यता क्या होगी। नए आयोग के बनते ही राज्य के विश्वविद्यालयों में कार्यरत चयन कमेटी स्वत: निरस्त हो जाएगी। फिलहाल इन्हीं कमेटियों के माध्यम से शिक्षकों की नियुक्ति होती है। पिछले साल इसी कमेटी ने विभिन्न विश्वविद्यालयों के महाविद्यालयों के लिए शिक्षकों का चयन किया था, हालांकि कई जगह से प्राचार्यों के चयन में धांधली की भी शिकायतें आई थीं। कु छ मामले कोर्ट में भी पहुं चे थे। ऐसे ही एक मामले में हाल में पटना हाईकोर्ट ने 27 प्राचार्यों की नियुक्ति को रद्द कर दिया था। विघटित बिहार राज्य विश्वविद्यालय (अंगीभूत महाविद्यालय) सेवा आयोग, बिहार कॉलेज सेवा आयोग एवं बिहार राज्य अंतर विश्वविद्यालय बोर्ड को मिलाकर एक नया आयोग बनाने की तैयारी है। राज्य सरकार ने वर्ष 2007 में इन तीनों बोर्ड व आयोग को विघटित क र दिया था। माना जा रहा है कि तीनों विघटित बोर्ड-आयोग के अधिकारी और कर्मचारियों की सेवा नए आयोग में ही समायोजित होगी(आशीष कुमार मिश्र,हिंदुस्तान,पटना,31.1.11)।

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