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02 जनवरी 2011

यूपी में में निजी विश्वविद्यालय खोलने की होड़

आबादी के लिहाज से देश का सबसे बड़ा सूबा अब निजी विश्वविद्यालयों को लुभाने लगा है। विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए निजी क्षेत्र सूबे की ओर तेजी से आकर्षित हो रहा है। प्रदेश में निजी विश्वविद्यालय खोलने की होड़ मची है। अंदाज इसी से लगाया जा सकता है कि जहां अभी प्रदेश में निजी क्षेत्र में सात विश्वविद्यालय संचालित हैं, वहीं दस अन्य की स्थापना/संचालन के लिए कवायद जारी है। यह बात दीगर है कि तीर्थांकर ज्यादातर निजी विश्वविद्यालय पश्चिमी उप्र में स्थापित किये जा रहे हैं।
प्रदेश में पिछले वर्ष तक पांच निजी विश्वविद्यालय संचालित किये जा रहे थे। इनमें एमिटी विवि व इंटीग्रल विवि लखनऊ, मंगलायतन विवि अलीगढ़, सुभारती विवि मेरठ और विवि मुरादाबाद शामिल हैं। पिछले साल बरेली में इन्वर्टिस विवि और मुरादाबाद में जीएलए विवि की स्थापना का कानूनी मार्ग प्रशस्त हो गया। इन्हें मिलाकर प्रदेश में अब सात निजी विश्वविद्यालय संचालित किये जा रहे हैं। गौरतलब है कि रामपुर में मौलाना मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय के संचालन के लिए प्राधिकार पत्र नहीं जारी हुआ है।
प्रदेश में निजी क्षेत्र के पांच अन्य विश्वविद्यालयों की स्थापना के लिए कानूनी रास्ता साफ हो गया है। इनमें बाबू बनारसी दास विवि लखनऊ, वेंकटेश्वर विवि गजरौला (ज्योतिबा फुले नगर), मोनाड विवि हापुड़ (गाजियाबाद), आईएफटीएम विवि मुरादाबाद और नोएडा इंटरनेशनल विवि गौतम बुद्ध नगर शामिल हैं। इन निजी विश्वविद्यालयों को संचालन के लिए अब सिर्फ शासन से प्राधिकार पत्र मिलने का इंतजार है। गौतम बुद्ध नगर जिले में ही गलगोटिया विश्वविद्यालय की स्थापना के मकसद से कैबिनेट ने विवि के अधिनियम के प्रारूप को 29 दिसंबर को मंजूरी दे दी है। वहीं शिव नाडर फाउन्डेशन की ओर से गौतम बुद्ध नगर जिले की दादरी तहसील में शिव नाडर विश्वविद्यालय खोलने की कवायद जारी है। शिव नाडर विवि के अधिनियम के प्रारूप को जल्द ही कैबिनेट से मंजूरी दिलाने की तैयारी है।
तीन और निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना के लिए कवायद चल रही है। एक्सिस एजुकेशनल सोसाइटी की ओर से रूमा (कानपुर) में एक्सिस विवि की स्थापना का विस्तृत प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। रामस्वरूप मेमोरियल ट्रस्ट ने बाराबंकी में देवां रोड पर निजी विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए शासन को विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) भेजी है। ट्रस्ट की देवां रोड पर श्री रामस्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी नाम से विश्वविद्यालय स्थापित करने की मंशा है। रामा एजुकेशन सोसाइटी की ओर से कानपुर में निजी विश्वविद्यालय खोलने का प्रस्ताव शासन स्तर पर लंबित है।

निजी विवि खोलने की इस होड़ के बारे में लखनऊ, इंदौर व भोपाल विश्वविद्यालयों के पूर्व कुलपति प्रो.महेंद्र सिंह सोढ़ा कहते हैं कि यह सूबे में उच्च शिक्षा के बढ़ते बाजार का परिणाम है। राज्य सरकार इस जरूरत को पूरा नहीं कर पायी, लिहाजा निजी क्षेत्र इस मौके का पूरा लाभ उठाना चाहता है। पश्चिमी उप्र में निजी विश्वविद्यालय इसलिए ज्यादा खोले जा रहे हैं क्योंकि प्रदेश के अन्य हिस्सों की अपेक्षा वहां लोग ज्यादा फीस देने की कूवत रहते हैं। दिल्ली से पश्चिमी उप्र की नजदीकी भी इसका एक कारण है(राजीव दीक्षित,दैनिक जागरण संवाददाता,लखनऊ,2.1.11)।

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