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22 जनवरी 2011

छत्तीसगढ़ःनौकरी के नाम पर पूरे कॉलेज को ठगा

राजधानी के एक बड़े निजी इंजीनियरिंग कॉलेज में आयोजित कैरियर फेयर के दौरान कैंपस सलेक्शन की आड़ में कॉलेज के सैकड़ों छात्रों को ठग लिए जाने का मामला सामने आया है। हैदराबाद में रहने वाले 49 वर्षीय ठग एमएच अहसान ने खुद को डेविड मारगन नामक कंपनी का चीफ बताया था।

उसकी फर्राटेदार अंग्रेजी और व्यक्तित्व को देखकर लोग झांसे में आ गए। अहसान ने 300 से ज्यादा छात्रों से प्लेसमेंट के नाम पर तीन लाख रुपए ऐंठे और भागने की तैयारी करने लगा। इसी बीच कॉलेज को पता चला कि यह कंपनी फर्जी है, तब जाकर इसका भांडा फूटा।

धरसींवा पुलिस ने इस मामले में अहसान को गिरफ्तार कर लिया है। उसे वीआईपी रोड के एक होटल से दबोचा गया। जांच पड़ताल की गई तो पता चला कि वह किसी भी कंपनी का प्रमुख नहीं है। ठगी के लिए डेविड मॉर्गन नामक कंपनी की जो वेबसाइट तैयार की गई थी, उसकी सारी जानकारी भी फर्जी निकली।

कंपनी में न तो कोई प्लेसमेंट के लिए वेकेंसी थी और न ही छात्रों का सलेक्शन किया जाना था। आरोपी ठग की वेबसाइट देखकर खुद कॉलेज वालों ने उससे संपर्क किया। कंपनी को 11 से 13 जनवरी तक आयोजित फेयर में आमंत्रित किया गया।


आरोपी कॉलेज पहुंचा और प्लेसमेंट के नाम से कैंपस सलेक्शन के लिए सभी से फार्म भरवाया। 300 से ज्यादा छात्रों ने फार्म भरे और सभी से 300-300 रुपए लिए गए। आरोपी ने इस तरह से करीब तीन लाख रुपए एकत्र किए। इसके बाद उसने नाटकीय सलेक्शन कर 30 लोगों का चयन किया और उनका इंटरव्यू आयोजित करवाया। बाद में सबकुछ फर्जी निकला।

10 लाख के चेक ने खोली पोल 

आरोपी ने 20 जनवरी को कॉलेज के वार्षिकोत्सव के दौरान प्रबंधन को दिखावे के लिए 10 लाख रुपए का चेक काटकर दिया था। यह चेक महज इसलिए दिया गया, क्योंकि कॉलेज वालों ने उसे कैंपस सलेक्शन का मौका दिया था। चेक को प्रबंधन ने भुनाने के लिए इंग व्यासा बैंक भेजा, तो एकाउंट बंद मिला। 

चैक बाउंस होने के बाद कॉलेज वालों को आरोपी पर शक हुआ और उन्होंने जब वेबसाइट पर दिए गए पते पर इसकी इंक्वायरी की, तो सारी पोलपट्टी खुल गई। उन्होंने फिर पुलिस को सूचना दी और होटल से उसे तत्काल गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में उसने गुनाह भी कबूल लिया।आरोपी को न्यायालय में पेश कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है(दैनिक भास्कर,रायपुर,22.1.11)।

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