अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) का नाम देश दुनिया में विख्यात है। विवि की शिक्षण संबंधी खूबियों के कारण ही यहां 20 से ज्यादा देशों के 450 से ज्यादा छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। शिक्षण व्यवस्था और प्रबंधन में सुधार की कवायद में जुटा विवि प्रशासन उन विदेशी छात्रों को भूल गया जो यहां अध्ययनरत हैं। कैंपस में इंटरनेशनल स्टुडेंट्स हॉस्टल की सुविधा न होने के कारण विदेशी छात्रों को बाहर किराये के मकान में रहना पड़ रहा है। इससे न सिर्फ उनकी सुरक्षा को खतरा रहता है, बल्कि मकान मालिक भी आर्थिक शोषण करते हैं। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में थाइलैंड, जार्डन, यमन, ईरान, इराक, इंडोनेशिया, अफगानिस्तान व सूडान सहित करीब बीस मुल्कों के 450 छात्र पढ़ रहे हैं। अध्ययनरत विदेशी छात्रों में थाइलैंड के लोगों की संख्या सर्वाधिक है। हालांकि, एएमयू में छात्रों के लिए 16 हॉल हैं, मगर इनमें सुविधाएं न होने की वजह से विदेशी छात्र असहज महसूस रहते हैं। दरअसल, यहां हॉलों में एक कमरे में कई विद्यार्थी रहते हैं। यह विदेशी छात्रों को पसंद नहीं है। खुद वीसी प्रो.पीके अब्दुल अजीज ने हॉलों की दयनीय दशा का कई बार जिक्र भी किया है, मगर इसमें सुधार नहीं हुआ। हैरानी की बात ये है कि अध्ययन और शोध की ज्यादा फीस अदा करने के बाद भी विदेशी छात्रों के कैंपस में रहने की सुविधा नहीं है। देश में कई विश्वविद्यालयों में अंतरराष्ट्रीय हॉस्टलों की सुविधा है, इनमें दिल्ली विवि, बनारस हिंदू विवि, जवाहरलाल नेहरू विवि, दिल्ली और इलाहाबाद विवि शामिल हैं। एएमयू में यह सुविधा नहीं है, जबकि यहां का वार्षिक बजट 200 करोड़ से भी ज्यादा का है। कैंपस से बाहर रहने की वजह से विदेशी छात्रों की सुरक्षा को भी खतरा रहता है, मगर अनुशासन की वजह से वे मुंह नहीं खोल पाते। मकान मालिक भी मनमाना किराया वसूल कर उनका शोषण करते हैं। एएमयू के रजिस्ट्रार प्रो.वीके अब्दुल जलील ने कहा, इंटरनेशनल हॉस्टल के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा जा चुका है, मगर मंजूरी नहीं मिली है। विदेशी छात्रों की सुरक्षा को लेकर विवि गंभीर है। यूजीसी को भी पत्र लिखा जा चुका है। मएएमयू के इंचार्ज एंड इंटरनेशनल स्टूडेंट्स एडवाइजर डा.कलीमुद्दीन का कहना है कि विदेशी छात्रों का मकान मालिक भी आर्थिक शोषण कर रहे हैं। इसकी शिकायतें मिलती रहती हैं। हॉस्टल की सुविधा होगी तो सुरक्षा का खतरा नहीं होगा(संदीप सक्सेना, दैनिक जागरण,अलीगढ़,22.1.11)।
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