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14 जनवरी 2011

कम बच्चों वाले स्कूलों को बंद करेगा दिल्ली नगर निगम

नगर निगम ऐसे विद्यालयों को बंद करने जा रहा है जहां पढ़ने वाले बच्चों की संख्या कम है। राजधानी में ऐसे विद्यालयों का सर्वे कराया जा रहा है। इसके बाद कम बच्चों वाले विद्यालयों का विलय पास के ही दूसरे विद्यालयों में कर दिया जाएगा।

नगर निगम द्वारा फिलहाल १७२९ विद्यालयों का सर्वे कराया जा रहा है। इनमें से ५७४ बालक, ५७९ बालिका और ५७६ सह-शिक्षा विद्यालय हैं। अनुदान वाले विद्यालय ४४ और मान्यता प्राप्त ७२८ हैं। स्वतंत्र विद्यालयों की संख्या ३३ है।

इन विद्यालयों में १७५८ प्रधानाचार्य और १६४९४ शिक्षक पढ़ाते हैं। जबकि ३९९८ शिक्षकों को अनुबंध के आधार पर रखा गया है। कई इलाकों से शिकायतें आ रही हैं कि एक विद्यालय में पांच बच्चों के लिए पांच शिक्षक तैनात हैं। कई विद्यालयों में बने रहने के लिए बहुत से शिक्षक बच्चों की संख्या बढ़ाकर रिकार्ड में चढ़ा रहे हैं। इसकी वजह से नगर निगम पर अतिरिक्त भार पड़ रहा है। निगम आयुक्त कंवल सिंह मेहरा ने बुधवार को स्थायी समिति बैठक में बताया कि निगम ऐसे विद्यालयों का सर्वे करा रहा है। जहां पढ़ने वाले बच्चों की संख्या औसत से कम है उन्हें पास के दूसरे विद्यालयों से जोड़ दिया जाएगा। शिक्षकों और चौकीदारों को भी वहां स्थानांतरित कर दिया जाएगा। स्थायी समिति के अध्यक्ष योगेंद्र चंदोलिया ने कहा कि निगम की योजना लागू होने से निगम पर बगैर अतिरिक्त भार बढ़ाए शिक्षकों और चौकीदारों की कमी को पूरा किया जा सकेगा और बच्चे शिक्षकों की सेवाओं का ज्यादा लाभ उठा सकेंगे। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाना है(नई दुनिया,दिल्ली,14.1.11)।

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