स्कूली छात्रों को अब बैंक का कामकाज जानने और समझने का मौका मिलेगा। रिजर्व बैंक ने सभी राज्यों को सलाह दी है कि बैंकिंग को पाठ्यक्रम में शामिल करें। अभी तक आरबीआई की ओर से दो बुकलेट वित्तीय जागरूकता देने के उद्देश्य से चलाई जा रही है। इसमें काटरून कैरेक्टर के माध्यम से बैंकिंग की कार्यप्रणाली समझाई जाती है।
पाठ्यक्रम में शामिल होने के बाद प्रदेश के स्कूली छात्रों को बैंकिंग की कार्यप्रणाली, योजनाएं, लेन-देन और लाभ के बारे में पढ़ाया जाएगा। पाठ्यक्रम सामग्री आरबीआई द्वारा ही तैयार करवाई जा रही है। इस सुझाव को प्रदेश के शिक्षामंत्री ने अच्छा बताया है।
आरबीआई ने कर्नाटक में बैंकिंग को पाठ्यक्रम में शामिल कर एक प्रयोग किया था जो सफल रहा। अब म.प्र. के साथ ही अन्य राज्यों में भी बैंकिंग को विषय के रूप में जल्द शामिल किया जा सकता है। आरबीआई द्वारा दिए गए सुझाव को अगले माह होने वाली प्रदेशस्तरीय बैंकर्स कमेटी (एसएलबीसी) की बैठक में एजेंडे के रूप में शामिल किया गया है।
एसएलबीसी प्रभारी उषा फर्नाडीस के अनुसार फिलहाल आरबीआई द्वारा जो दो बुकलेट छपवाई गई थीं, उन्हें ही वितरित कर बैकिंग जागरूकता का अभियान चलाया जा रहा था। उनके अनुसार यदि पाठ्यक्रम में ही बैंकिंग एक विषय के रूप में शामिल होता है तो बच्चों को काफी फायदा होगा। आंकड़े बताते हैं देश के तीस लाख गांवों में से महज 30 हजार में ही बैंक शाखाएं हैं। ऐसे में ग्रामीण इलाकों में बैक की कार्यप्रणाली समझाने में अधिक दिक्कत होती है। इसे स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल कर लिया जाता है तो छठी कक्षा से ही बच्च बैंकिंग के बारे में जानने लगेगा।
स्वागत योग्य सुझाव
आरबीआई का सुझाव सराहनीय है। स्टेट काउंसिल फॉर रिसर्च एंड ट्रेनिंग प्रस्ताव पर विचार कर उचित निर्णय लेंगे-अर्चना चिटनीस, शिक्षा मंत्री म.प्र
वित्तीय जागरूकता के लिए हमने कई प्रोग्राम शुरू किए हैं। बच्चे स्कूली स्तर पर ही बैंकिंग की कार्यप्रणाली से परिचित हो सकें, ऐसा प्रस्ताव तैयार किया है-के.पी. सिंह, प्रोग्राम इंचार्ज आरबीआई, भोपाल रीजन(दैनिक भास्कर,इन्दौर,6.1.11)
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