प्रदेश में अवैधानिक ढंग से चल रहे बाहरी विश्वविद्यालयों के शैक्षणिक संस्थानों के खिलाफ फिलहाल उच्च शिक्षा विभाग एफआईआर दर्ज नहीं करवा सकेगा। इस संबंध में हाईकोर्ट जबलपुर ने एक प्रकरण की सुनवाई के दौरान कॉलेज के खिलाफ फिलहाल एफआईआर दर्ज कराने पर रोक लगा दी है। साथ ही यह भी कहा है कि ‘इसका मतलब यह नहीं कि दुकानें बंद नहीं करना है।’
उल्लेखनीय है कि उच्च शिक्षा विभाग ने प्रदेश के कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को आदेश दिए थे कि विवि के अधिकारिता क्षेत्र में अवैधानिक ढंग से चल रहे शैक्षणिक संस्थानों के खिलाफ एफआईआर कर उन्हें बंद कराया जाए। प्रदेश में इस तरह के 82 शैक्षणिक संस्थान चिन्हित किए गए हैं। इनमें से 11 संस्थान राजधानी के हैं और महज 4 के खिलाफ ही एफआईआर दर्ज की जा सकी है।
इधर,दो दिन पहले इंदौर और जबलपुर में संचालित प्रोटान कॉलेज (पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी से संबद्धता प्राप्त) मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने एफआईआर दर्ज कराने से इनकार कर दिया है। प्रोटान कॉलेज ने पहले याचिका दायर की थी कि कॉलेज वैधानिक ढंग से चल रहा है और उसे बंद न किया जाए।
इस पर हाईकोर्ट ने कोई राहत नहीं दी थी, लेकिन कॉलेज ने दूसरी याचिका दायरकी कि उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज न की जाए। इस पर हाईकोर्ट ने आदेश दिए हैं कि फिलहाल एफआईआर न की जाए क्योंकि पहली याचिका की सुनवाई चल रही है।
विभाग के समक्ष समस्या यह है कि अब तक 12 कॉलेज हाईकोर्ट की शरण ले चुके हैं। ऐसे में किसी भी कॉलेज के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं करवा सकता(दैनिक भास्कर,भोपाल,23.1.11)।
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