इंजीनियरिंग, फार्मेसी और एमसीए के छात्र अब कक्षाओं से गोल नहीं मार सकेंगे और ना ही अनुपस्थित होने का कोई बहाना बना सकेंगे। राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्र्वविद्यालय प्रत्येक छात्र की हर पंद्रह दिन में उपस्थिति लेगा। छात्र की उपस्थिति 75 प्रतिशत से कम होने पर उसे परीक्षा से वंचित रखा जाएगा। वहीं कालेजों को भी फार्म अगे्रषित करने के झंझट से छुटकारा मिलेगा। छात्र की कम उपस्थिति होने पर कालेज उनसे तगड़ा फाइन वसूल करते थे। फाइन मिलने पर छात्रों की उपस्थिति ठीक कर विवि को परीक्षा फार्म अग्रेषित कर देते थे। ऐसी अनियमितताओं को रोकने राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्र्वविद्यालय ने प्रदेश के हर छात्र की उपस्थिति स्वयं लेने की योजना बनाई है। विवि ये उपस्थिति हर पंद्रह दिन में ई-गवर्नेस के पोर्टल से लेगा। सूत्रों के मुताबिक विवि छात्रों की उपस्थिति 1 फरवरी से लेना शुरू करेगा। प्रदेश का हर कालेज छात्रों की पंद्रह दिन की उपस्थिति को विवि के पोर्टल पर डाउनलोड कर विवि भेजा। जिससे छात्र भी अपनी उपस्थिति पोर्टल पर देख सकेंगे। अब खैर नहीं ऐसे में उन छात्रों की मनमानी पर लगाम कस जायेगी जो फाइन देने तक तैयार रहते थे। ऐसे छात्रों को भी कक्षाओं में अपनी उपस्थिति दर्ज करानी होगी। विवि ने कालेजों को आदेश दिए हैं कि वह हर छात्र की उपस्थिति भेजे। किसी छात्र की उपस्थिति कम होती है तो उसे सूचित करें कि कम उपस्थिति होने पर उसे परीक्षा से वंचित रखा जा सकता है। 15 प्रतिशत की राहत आरजीपीवी रजिस्ट्रार प्रो. एकेएस भदौरिया का कहना है कि नियम के अनुसार छात्रों की 75 प्रतिशत उपस्थिति होना चाहिए। आवश्यकता होने पर छात्रों को मेडिकल में दस प्रतिशत कालेज की तरफ से और पांच प्रतिशत विवि की तरफ से राहत मिल सकती है। ऐसे छात्रों की उपस्थिति भी 60 प्रतिशत होनी अनिवार्य होगी(दैनिक जागरण,भोपाल,21.1.11)।
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