दिल्ली सरकार की ओर से हाईकोर्ट में प्री-प्राइमरी को लेकर दिए गए हलफनामे ने नर्सरी में बच्चों का दाखिला करा रहे लाखों राजधानी वासियों की चिंता बढ़ा दी है। उनके मन में कई सवाल उमड़ रहे हैं, नर्सरी कक्षा (प्री-स्कूल) की पढ़ाई गैर जरूरी है तो फिर दिल्ली सरकार इसमें खुद शामिल क्यों होती है? आखिर गैरजरूरी कक्षा के लिए सरकारी स्तर पर इतनी मारामारी करने की जरूरत ही क्या है?
दोहरी नीति अपना रही है सरकार :
इस मुद्दे पर ऑल इंडिया पैरेंटस एसोसिएशन के चेयरमैन अशोक अग्रवाल का कहना है कि दिल्ली सरकार राजधानी वासियों के साथ दोहरी नीति अपना रही है। नर्सरी कक्षा को वह मुख्य पढ़ाई का अंश मानती ही नहीं है तो फिर इसके लिए सरकारी स्तर पर शेड्यूल जारी करने की क्या जरूरत है? यह कौन सुनिश्चित करेगा कि किसी को अपने चार वर्षीय बच्चे का प्री-प्राइमरी में दाखिले के लिए स्कूल जाएगा तो दाखिला मिल ही जाएगा। दिल्ली सरकार को इस पर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। निजी स्कूल तो यही कहते हैं कि जिन बच्चों का दाखिला नर्सरी कक्षा में होता है, उन्हीं बच्चों को प्री-प्राइमरी कक्षा में प्रमोट कर दिया जाता है। प्री-प्राइमरी के लिए अलग से दाखिला प्रक्रिया संचालित नहीं की जाती है।
स्कूलों को प्री-प्राइमरी दाखिला देना होगा :
लवली दिल्ली सरकार के शिक्षा मंत्री अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि सरकार शुरू से नर्सरी को प्ले स्कूल का हिस्सा मानती रही है और इसी बात को कोर्ट में कहा गया है। उन्होंने कहा कि मांग में बढ़ोतरी को देखते हुए सरकार ने ज्यादातर स्कूलों में नर्सरी कक्षा की शुरुआत प्ले स्कूल के तौर पर की थी। पहले भी और अब भी स्कूली पढ़ाई प्री-प्राइमरी से ही शुरू होती है, जिसमें चार साल की उम्र में ही दाखिला होता है। अगर अभिभावक चार साल के बाद अपने बच्चे का प्री-प्राइमरी में दाखिला कराना चाहते हैं, स्कूल मना नहीं कर सकते हैं। नर्सरी कक्षा में दाखिला प्रक्रिया में सरकार के शामिल होने के बाबत उनका कहना था कि बेहतर व्यवस्था बनाने के लिए ही सरकार जनता के हित में आगे रहती है।
प्री-प्राइमरी कक्षा में दाखिला संचालित नहीं होता :
जैन दिल्ली पब्लिक स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष आरसी जैन ने कहा कि स्कूलों में नर्सरी कक्षा के लिए ही दाखिला प्रक्रिया अपनाई जाती है। प्री-प्राइमरी कक्षा के लिए दाखिला प्रक्रिया की व्यवस्था नहीं है। इसमें सिर्फ स्थानांतरण केस ही लिए जाते हैं। कमाई का जरिया है नर्सरी दिल्ली स्कूल एजुकेशन एक्ट एंड रूल्स-1973 के अनुसार, पहली कक्षा से पहले की पढ़ाई के लिए केवल एक साल निर्धारित है, जिसे प्री-प्राइमरी का नाम दिया गया है। इस व्यवस्था पर तीन साल पहले हाईकोर्ट ने भी मुहर लगाई थी और मंगलवार को भी उन्हीं बातों को दोहराया है। नर्सरी कक्षा निजी स्कूल वालों के लिए मोटी कमाई का बड़ा जरिया है(दैनिक जागरण,दिल्ली,14.1.11)।
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