एमसीडी अपने बूढ़े कर्मचारियों की विदाई की तैयारी कर रही है। ऐसे कर्मचारियों को वॉलंटरी रिटायरमेंट देने की योजना लाई जाएगी जो कागजों पर तो 60 साल से कम उम्र के हैं, मगर देखने में बूढ़े लगते हैं। ऐसे कर्मचारियों की सही उम्र का पता लगाने के लिए मेडिकल जांच भी कराई जाएगी।
यह मामला एमसीडी में काफी दिनों से उठ रहा है कि यहां के विभिन्न विभागों में ऐसे बहुत से कर्मचारी हैं, जो 70 साल से ऊपर की उम्र के दिखते हैं। कई लोगों के तो बच्चे भी रिटायरमेंट ले चुके हैं। ये कर्मचारी सही ढंग से काम नहीं कर पाते। यह मामला गुरुवार को स्थायी समिति की बैठक में एक बार फिर उठाया गया। समिति की बैठक में पार्षदों ने बताया कि ऐसे कर्मचारियों की उम्र 70 साल से अधिक हो चुकी है, लेकिन एमसीडी के रेकॉर्ड में इनकी आयु अभी 60 साल भी नहीं है। इनके चलते एमसीडी को दोहरा नुकसान उठाना पड़ रहा है, क्योंकि इनसे काम तो प्रभावित हो ही रहा है, वेतन देने में राजस्व का घाटा भी हो रहा है।
एमसीडी कमिश्नर के. एस. मेहरा का कहना है कि ऐसे कर्मचारियों के बारे में वह पूरी तरह वाकिफ हैं। उनको वीआएस देने के लिए एक योजना तैयार की गई है। योजना को स्वीकृति के लिए जल्द ही स्थायी समिति के सामने पेश किया जाएगा। अगर ऐसे किसी कर्मचारी ने रिटायरमेंट लेने से मना कर दिया, तो मेडिकल जांच कराकर अधिक उम्र की पुष्टि होने पर जबरन रिटायरमेंट देकर घर भेजा जाएगा(नवभारत टाइम्स,दिल्ली,14.1.11)।
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