मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

30 जनवरी 2011

राजस्थान :अगले सत्र से कॉलेजों में मिलिट्री साइंस की पढ़ाई

देश प्रेम का जज्बा रखने वाले शेखावाटी के युवा अब मिलिट्री साइंस की पढ़ाई यही रहकर कर सकेंगे। उच्च शिक्षा विभाग की ओर से राज्य के कॉलेजों में मिलिट्री साइंस का कोर्स शुरू किया जा रहा है। इसकी तैयारियां विभाग ने शुरू कर दी है। यह अंडर ग्रेजुएट लेवल कोर्स होगा।

जानकारों के अनुसार, इससे युवाओं का रुझान भी सेना की तरफ बढ़ेगा। इसके अलावा मिलिट्री कोर्स शुरू होने के बाद शेखावाटी के युवाओं को सेना में बेहतर पदों पर जाने में आसानी होगी। एसके कॉलेज में मिलिट्री साइंस की पढ़ाई कराई जाएगी। मिल्रिटी कोर्स को लेकर पिछले दिनों उच्च शिक्षा मंत्री डा. जितेंद्रसिंह की अध्यक्षता में कॉलेज प्राचार्यो की राज्यस्तरीय बैठक भी हो चुकी है। कोर्स का सिलेबस तैयार करने के लिए बीकानेर विश्वविद्यालय को जिम्मेदारी देना तय किया गया है। क्योंकि बीकानेर विश्वविद्यालय में पहले से ही मिल्रिटी साइंस कोर्स चल रहा है।

मिलिट्री साइंस कोर्स अगले शिक्षा सत्र से शुरू किया जाएगा। इसके लिए निर्देश जारी किए गए है। सिलेबस तैयार कराया जा रहा है। - डा. जितेंद्रसिंह, उच्च शिक्षा मंत्री

सेवानिवृत अफसर बनेंगे शिक्षक
सेना से सेवानिवृत अफसरों को कॉलेजों में मिलिट्री साइंस पढ़ाने की जिम्मेदारी दी जाएगी। इसके लिए जल्द ही आवेदन मांगे जाएंगे।

सेना में अफसरों के पद खाली: सेना में भारी संख्या में अफसर रैंक के पद खाली पड़े हैं। इसे देखते हुए राज्य सरकार प्रदेश में मिलिट्री की पढ़ाई पर जोर देना चाह रही है। शेखावाटी के युवाओं में देश प्रेम का अंदाजा हर साल होने वाली भर्ती दौड़ में पहुंचने वाले युवाओं की संख्या को देखकर लगाया जा सकता है।

कैसा है सिलेबस:
फिलहाल मिलिट्री कोर्स बीकानेर विश्वविद्यालय में चल रहा है। यहां पर आर्ट्स व साइंस से जुड़ा विद्यार्थी इस कोर्स में पढ़ाई कर सकता है। विवि में यह ऐच्छिक विषय के तौर पर है। बीकानेर के बाद यह कोर्स श्रीगंगानगर के कॉलेज में भी शुरू कर दिया गया है। 12वीं के बाद बीए व बीएससी का विद्यार्थी इस कोर्स को ले सकता है। मध्यप्रदेश व ग्वालियर की यूनिवर्सिटी के सिलेबस के आधार पर बीकानेर विवि ने अपना सिलेबस तैयार किया था। इसमें थ्यौरी व प्रैक्टिकल दोनों होते हैं(दैनिक भास्कर,(दैनिक भास्कर,सीकर ,३०.१.११) ,३०.१.११)।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।