मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि अब हमें खेती की उस तकनीक का इस्तेमाल करना होगा, जिसमें पानी की कम जरूरत हो व अधिक उत्पादन हो सके। उन्होंने इस दिशा में कृषि वैज्ञानिकों को किसानों के सहयोग से नयी तकनीक खोजने की सलाह दी। उन्होंने गुरुवार को श्रीकृष्ण मेमोरियल हाल में आयोजित समारोह में धान व गेहूं की खेती की नयी विधि 'श्री' विधि का शुभारम्भ किया। इस मौके पर श्री कुमार ने विषयवस्तु विशेषज्ञों (एसएमएस) का मानदेय 8000 रुपये मासिक से बढ़ाकर 15 हजार रुपये करने की घोषणा की। यह वृद्धि पंचायत स्तर पर नियोजित कृषि सलाहकारों के मानदेय में भी होगी। यह एक अप्रैल 2011 से लागू होगा। मुख्यमंत्री ने किसान डायरी व 'श्री' विधि पर 'बामेती' की पुस्तिका व सीडी का भी लोकार्पण किया। उन्होंने कुछ किसानों का नाम लेते हुए कहा कि किसानों द्वारा खेती की नयी तकनीक की खोज की जा रही है। कृषि विभाग को चाहिए कि उनको अपना ब्रांड एम्बेसडर बनाकर सभी किसानों तक तकनीक का प्रसार करे। उनके अनुसार 'श्री' (सिस्टम आफ राइस इंटेंसिव) विधि को धान के अलावा गेहूं की खेती में भी उपयोगी माना गया है। राज्य में अब तक 2300 कृषि स्नातकों का नियोजन एसएमएस पद पर हुआ है।
श्री कुमार ने जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न खतरे से अगाह करते हुए कहा कि इससे खाद्य सुरक्षा की समस्या उत्पन्न हो गयी है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर महसूस किया गया है कि खाद्यान्न उत्पादन में वृद्धि की उम्मीद बिहार सहित पूर्वी क्षेत्रों पर ही है किन्तु इस क्षेत्र की योजनाओं को लागू करने के लिए पर्याप्त केन्द्रीय सहायता नहीं मिल पाती है। ऐसी स्थिति में मात्र चिंता जताने से समस्या का निदान संभव नहीं है।
मुख्यमंत्री के अनुसार मौसम की बेरुखी से गंगा के दक्षिणी क्षेत्र में जल स्तर नीचे जाने से पेयजल संकट उत्पन्न हो सकता है। इससे निबटने के लिए आपात योजना बनायी गयी है। पीने का पानी भी पहुंचाना पड़ सकता है। इसकी व्यवस्था होगी। मुख्यमंत्री ने फिर दोहराया कि उनका यह सपना है कि हर हिन्दुस्तानी की थाल में बिहार का कोई न कोई व्यंजन हो। यह सपना ठीक उसी प्रकार है जिस प्रकार का मिशन राज्य के किसी भी जिला से छह घंटे में पटना पहुंचने की योजना पर अमल हुआ है।
कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह ने कहा कि 'श्री' विधि की खोज बाराचट्टी की विधायक ज्योति मांझी ने अपने खेतों में की है। उन्होंने कृषि अधिकारियों को खेतों की पगडंडियों पर जाने का निर्देश दिया, ताकि उनकी पहचान कायम हो सके। विधायक ज्योति मांझी ने कहा कि पहले तो उनका लोगों ने उपहास उड़ाया किन्तु जब प्रयोग सफल हुआ तो लोग अपनाने लगे। इस गुण के कारण ही मुख्यमंत्री ने उनको विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाया। वह व उसके पति श्री विधि तकनीक की जानकारी देने में ही अपने को समर्पित करेंगे। समारोह को कृषि उत्पादन आयुक्त एके सिन्हा,सचिव सीके अनिल, राजेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति एमएल चौधरी, कृषि निदेशक, बामेती के निदेशक आरके सोहाने आदि ने संबोधित किया। समारोह में एसएमएस को प्रशिक्षण भी दिया गया(दैनिक जागरण संवाददाता,पटना,27.1.11)।
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