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07 जनवरी 2011

यूपीःहोम्योपैथी चिकित्सकों ने मांगी गांवों में तैनाती

होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज के छात्रों ने बीआरएमएस के तहत प्रशिक्षण देकर नये चिकित्सकों की गांवों में नियुक्ति पर एतराज जताया है। छात्रों ने कॉलेज में इसके खिलाफ प्रदर्शन व नारेबाजी से आक्रोश जताया। छात्रों का कहना है कि पढ़ाई व इंटर्नशिप करके वह गांवों में जाने के लिए तैयार हैं, लेकिन उनके बजाय बीआरएमएस के नये चिकित्सकों को मौका दिया जा रहा है।
होम्योपैथी कॉलेज लखनपुर में प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने कहा कि वह सीपीएमटी की परीक्षा देकर साढ़े चार वर्ष तक पढ़ाई की है। इसके बाद एक साल की इंटर्नशिप भी कर रहे हैं, लेकिन केंद्र सरकार बैचलर ऑफ रुरल मेडिकल सर्विसेज के जरिये युवकों को दो साल का प्रशिक्षण देकर ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधा के लिये तैनात करने जा रही है। पहले से प्रशिक्षित चिकित्सक हैं, इसके बाद भी सरकार उन्हें मौका नहीं दे रही है। चिकित्सा छात्रों ने कहा कि काफी सारे होम्योपैथी के ऐसे चिकित्सक हैं, जो पढ़ाई पूरी कर चुके हैं। उन्हें मौका दिया जाना चाहिये। छात्रों ने कहा कि अगर उनकी अनदेखी की गयी तो वह तीखा आंदोलन चलायेंगे। वहां कौशलेंद्र मिश्र, संजीव रेड्डी, हरीशंकर गुप्ता, रवींद्र कुमार, उपदेश वर्मा, विजय गुप्ता, यादवेंद्र, हर्ष वर्मा आदि थे।
आइएमए 22 को मनायेगी प्रोटेस्ट दिवस: दो वर्ष के बीआरएमएस प्रशिक्षण के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सक पद पर तैनाती पर आइएमए ने विरोध जताया है। एसोसिएशन के डॉ. गुलाब अग्रवाल ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में न तो सुरक्षा बढ़ायी जा रही है और न ही सुविधाएं। चिकित्सक तो गांवों में जाने को तैयार हैं लेकिन मूलभूत सुविधाएं तो देनी ही होंगी(दैनिक जागरण,कानपुर,7.1.11)।

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