आइआइटी परिषद की दिल्ली में अगले सप्ताह बैठक होगी जिसमें संयुक्त इंजीनियरिंग परीक्षा (जेईई) और अन्य परीक्षा को समाप्त कर देश में एकल इंजीनियरिंग परीक्षा आयोजित करने के प्रस्ताव पर विचार किए जाने की संभावना है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि 21 जनवरी को आइआइटी परिषद की बैठक होगी जिसमें एकल इंजीनियरिंग परीक्षा से जुड़े विषय सामने आ सकते हैं। इस मामले में दामोदर आचार्य समिति की सिफारिशों पर मतभेद के बाद विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सचिव टी रामास्वामी के नेतृत्व में दूसरी समिति का गठन किया गया है जो तीन महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। सरकार ने जेईई समेत अन्य इंजीनियरिंग परीक्षा को समाप्त कर इंजीनियरिंग के लिए एकल प्रवेश परीक्षा आयोजित करने का प्रस्ताव किया था। इसके तहत साल 2013 से एकल इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा आयोजित करने का विचार व्यक्त किया गया था। इस मामले में एक प्रवेश परीक्षा के विभिन्न पहलुओं पर विचार करने और इसकी संभावना तलाशने के उद्देश्य से आइआइटी खड्गपुर के निदेशक दामोदर आचार्य के नेतृत्व में समिति का गठन किया गया था। समिति ने इस विषय पर पिछले वर्ष अपनी सिफारिशें प्रस्तुत कर दी थी, लेकिन इन सिफारिशों पर आइआइटी के अलावा राज्य शिक्षा बोर्ड की ओर से भी आपत्ति उठाई गई थी। सूत्रों ने बताया कि दामोदर आचार्य समिति की सिफारिशों पर मतभेद के बाद मंत्रालय ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सचिव टी रामास्वामी के नेतृत्व में दूसरी समिति का गठन किया है जो इस मामले में सहमति बनाते हुए कोई रास्ता निकालने का काम करेगी। इसके साथ ही यह समिति आइआइटी मद्रास, आइआइटी कानपुर और आइआइटी गांधीनगर के आइआइटी-जेईई को बरकरार रखने की मांग पर भी ध्यान देगी। नई समिति कुछ राज्य शिक्षा बोर्ड की ओर से 12वीं बोर्ड के अंक को तवज्जो देने के बारे में उठाई गई आपत्तियों पर भी विचार करेगी। राज्य बोर्डो का मत है कि अलग-अलग बोर्ड के अपने अपने मापदंड और मूल्यांकन करने के तौर तरीके होते है और यह प्रस्ताव छात्रों के प्रतिकूल भी साबित हो सकता है(दैनिक जागरण,राष्ट्रीय संस्करण,17.1.11)।
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