माध्यमिक शिक्षा मंडल में चल रहे फर्जी मार्कशीट प्रकरण व इंजीनियर के संविलियन के मामले पर हंगामे के आसार है। शुक्रवार को माशिमं में कार्यपालिका समिति की बैठक आयोजित की गई है। माध्यमिक शिक्षा मंडल की करीब चार माह पूर्व मुज्जफर नगर में पकड़ी गई फर्जी मार्कशीट के मामले में विगत एक माह से जांच चल रही है। अतिरिक्त सचिव दीपक देशपांडे द्वारा हस्ताक्षर की गई दसवीं की फर्जी मार्कशीट की फाइल भी नहीं मिल रही है। माशिमं द्वारा उक्त मामले को जांच के नाम पर दबाया जा रहा है। मंडल में करीब एक साल पहले दसवीं की वंदना सिंह पिता ब्रह्मानंद सिंह के नाम से एक फर्जी मार्कशीट बनी। फर्जी मार्कशीट में रोल नंबर 12800678 व केंद्र क्रमांक 28002 बताया गया है। उक्त मार्कशीट में संबधित शाखा के चार लोगों को हस्ताक्षर है। हस्ताक्षर डीलिंग, कक्षाधिकारी, सहायक सचिव व अतिरिक्त सचिव दीपक देशपांडे के हस्ताक्षर हैं। फर्जी मार्कशीट का मामला खुलने के बाद दो कर्मचारियों को कक्ष से हटा भी दिया गया था। उसके बाद फर्जी मार्कशीट की फाइल भी गायब हो गई है। मुजफ्फर नगर उप्र में पकड़ी गई माशिमं की फर्जी मार्कशीट के मामले में अतिरिक्त सचिव दीपक देशपांडे ने एक माह का समय हो जाने के बाद भी अभी तक अपनी जांच रिपोर्ट नहीं सौपी है। सूत्रों का कहना है कि अतिरिक्त सचिव द्वारा दोनों ही मामलों को दबाया जा रहा है। वहीं मंडल में प्रतिनियुक्ति पर आए इंजीनियर शरद सोनी का मामला भी है। इस प्रकार के कई मामलों में मंडल सदस्यों द्वारा अध्यक्ष से जबाव मांगा जाएगा। जिस पर हंगामा होने स्थिति निर्मित हो सकती है। ज्ञात है कि पूर्व में साधारण सभा में भी इस प्रकार के मामले उठने के बाद अध्यक्ष राकेश बंसल स्पष्टीकरण नहीं दे पाए थे(दैनिक जागरण,भोपाल,28.1.11)।
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