प्राथमिक विद्यालयों में अध्ययनरत छात्रों के लिए शैक्षिक कार्यक्रमों के निर्माण तक ही सीमित राज्य शैक्षिक तकनीकी संस्थान (एसआईईटी) ने अब काम का दायरा बढ़ाने का फैसला लिया है। अपनी आर्थिक तंगी दूर करने के उद्देश्य से एसआईईटी टूरिज्म, हेल्थ सहित अन्य विभागों से जुड़े शैक्षिक एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम भी तैयार करेगा। यह जानकारी संस्थान निदेशक वीके दुबे ने शुक्रवार को एक प्रेसवार्ता में दी।
उन्होंने बताया कि संस्थान को शैक्षिक कार्यक्रमों के निर्माण के लिए शासन से महज २५ लाख रुपये का बजट ही आवंटित है और अभी तक मात्र ५ लाख रुपये ही कार्यक्रमों के लिए मिले हैं। बाकी कार्यक्रमों के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। ऐसे में सीमित आर्थिक संसाधनों में संस्थान के सामने बाजार के प्राइवेट खिलाड़ियों से सामना करना एक चुनौती भरा है। संस्थान अभी भी स्वायत्तता व सरकारीकरण के बीच में झूल रहा है, जिसके कारण नियुक्तियां भी नहीं हो पा रही हैं। फिलहाल आर्थिक संसाधन जुटाने के लिए संस्थान अन्य विभागों के भी कार्यक्रम अपने यहां से तैयार करने के लिए काम कर रहा है। इसमें राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान, नेशनल रूरल हेल्थ मिशन, कृषि विभाग, पर्यटन विभाग आदि शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि संस्थान द्वारा कक्षा पांच के विज्ञान विषय के लिए निर्मित फिल्म ‘चूं चिरैया कैसे उड़ी’ (पक्षी कैसे उड़ता है) को हाल में ही एनसीईआरटी के गोल्डन जुबली समारोह में चार पुरस्कार प्राप्त हुए। प्रीति गुप्ता के लेखन व निर्देशन में बने १० मिनट के इस शैक्षिक कार्यक्रम को बेस्ट फिल्म, बेस्ट आडियो, बेस्ट आउटडोर सेट एवं बेस्ट इन हाउस प्रोडक्शन का अवार्ड मिला। फिल्म का छायांकन दिनेश चंद्र जोशी, संपादन एमएन चिक्का मुनियप्पा, ध्वनि विजय कुमार सिंह चौहान एवं तकनीकी सहयोग लालमणि का था। १२० से अधिक फिल्मों को पछाड़कर संस्थान ने यह पुरस्कार जीता(अमर उजाला,लखनऊ,29.1.11)।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।