प्रदेश विश्वविद्यालय में गैर शिक्षक कर्मचारियों का असहयोग आंदोलन शुक्रवार को भी जारी रहा। लगभग २५ दिनों से कर्मचारियों और विवि प्रशासन के बीच परीक्षा नियंत्रक की नियुक्ति को लेकर विवाद चल रहा है। विवि प्रशासनिक ब्लाक के बाहर शुक्रवार को भी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले कर्मचारियों ने एकत्र होकर विवि प्रशासन के खिलाफ रोष जाहिर किया।
कर्मचारियों को संबोधित करने वालों में संयुक्त संघर्ष समिति के कार्यवाहक अध्यक्ष रमेश चंद शर्मा, विवि कोर्ट सदस्य नरेश कुमार शर्मा, गैर शिक्षक कर्मचारी संघ के अध्यक्ष डा. हितेश्वर सिंह ठाकुर, कार्यकारिणी परिषद के सदस्य चौधरी वरयाम सिंह बैंस, कर्मचारी नेता ओपी शर्मा, राजकुमार राणा, पवन कुमार, सरदार हरि सिंह, मुनी लाल भारद्वाज सहित बीरमा चौहान और देवी लाल शर्मा शामिल थे। उन्होंने कहा कि विवि प्रशासन से परीक्षा नियंत्रक की नियुक्ति के फैसले को तुरंत वापस लेने की मांग की। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि जब तक यह नियुक्ति रद नहीं होती संघर्ष जारी रहेगा। कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि एक ओर चार जनवरी को परीक्षा नियंत्रक को नियुक्त किया जाता है और दूसरी ओर नियमितीकरण के लिए लाखों रुपए खर्च कर २० जनवरी को नया विज्ञापन जारी किया जाता है। यह सरासर गलत है। कर्मचारियों और विवि प्रशासन के बीच पैदा हुए इस गतिरोध को समाप्त करने के लिए कर्मचारी नेताओं ने राज्यपाल सहित मुख्यमंत्री और शिक्षामंत्री से हस्तक्षेप करने की मांग की। विवि में चल रहे असहयोग आंदोलन को समाप्त करवाने के लिए राज्यपाल से गुहार लगाते हुए संयुक्त संघर्ष समिति के कार्यवाहक अध्यक्ष रमेश चंद शर्मा ने इसे विवि की कार्यप्रणाली को सुचारु रूप से चलाने के लिए अनिवार्य बताया। मुख्यमंत्री से भी परीक्षा नियंत्रक की नियुक्ति को रद कर विवि के ही किसी अधिकारी को नियुक्ति करने की मांग की(अमर उजाला,शिमला,29.1.11)।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।