बदलते जमाने में कैरियर के ऐसे-ऐसे विकल्प नजर आने लगे हैं, जिनके बारे में पहले कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। तात्पर्य यह है कि छात्र अब परंपरागत जॉब फील्ड्स से बंधे नहीं हैं। ऐसे ही माहौल में आवाज भी आपके कैरियर निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। वाकई आपकी आवाज का जादू आपके कैरियर को बुलंदियों पर पहुंचा सकता है। परंपरागत गायन जैसे क्षेत्र के अलावा अब आवाज के माध्यम से और भी कई कैरियर विकल्प सामने आए हैं।
न्यूजरीडर/एंकर
पूरे देश में न सिर्फ चैनलों, बल्कि न्यूज चैनलों की भी जैसे बाढ़ आ गई है। एक ओर जहां बहुत सारे राष्ट्रीय समाचार चैनल हैं तो वहीं राज्यों का अपना क्षेत्रीय समाचार चैनल भी है। परिणामस्वरूप न्यूजरीडरों और एंकरों की अच्छीखासी मांग है। चेहरे से पहचान मिलने के कारण भी यह प्रोफेशन अत्यंत लोकप्रिय है। यह काम न सिर्फ बेहतर कैरियर देता है, बल्कि अच्छी जीवनशैली का प्रतीक भी है। समाचार वाचन अथवा अन्य कार्यक्रमों जैसे, फिल्म आधारित प्रोग्राम, रियलिटी शो, हास्य-व्यंग्य के कार्यक्रम, अपराध समाचार आदि में एंकरिंग ऐसे प्रोफेशनल्स का मुख्य काम है।
योग्यता
अभ्यर्थी को आत्मविश्वास से भरा होना चाहिए। कैमरा और दर्शकों के समक्ष प्रस्तुतीकरण की कला में उसे माहिर होना चाहिए। भाषा पर अच्छी पकड़ अनिवार्य है। तथ्यों के ज्ञान और समसामयिक गतिविधियों की अच्छी समझ के अलावा दर्शकों को बांधे रखने की कला भी उसे आनी चाहिए। इसके अंतर्गत संस्थान और कोर्स के अनुसार अलग-अलग शैक्षणिक योग्यता की मांग की जाती है।
मौके
इस व्यवसाय का कार्यक्षेत्र अत्यंत ही विशाल है। चैनलों की बढ़ती संख्या के कारण मौके लगातार बढ़ रहे हैं। देसी-विदेशी, दोनों ही चैनलों में अवसर उपलब्ध हैं। मुख्य संस्थान
आईआईएमसी, नई दिल्ली, द्दवाईएमसीए इंस्टीट्यूट फॉर मीडिया स्टडीज ऐंड इन्फॉरमेशन टेक्नोलॉजी, नई दिल्ली, द्दजानकीदेवी महाविद्यालय, नई दिल्ली, द्द जेवियर इंस्टीट्यूट ऑफ कम्युनिकेशन, मुंबई
गायक
संगीत का क्षेत्र सदाबहार है, जिसमें योग्य लोगों के लिए अवसरों की कोई कमी नहीं है। मनोरंजन के बढ़ते दायरे के साथ गायन के क्षेत्र व अवसरों में और विस्तार हुआ है। यही कारण है कि युवाओं में गायन क्षेत्र में कैरियर बनाने की दिलचस्पी पिछले कुछ सालों में तेजी से बढ़ी है। विभिन्न चैनलों पर सिंगिंग टैलेंट हंट शो इसका स्पष्ट प्रमाण है। वाकई गायन अब केवल एक शौक नहीं है, बल्कि एक शानदार कैरियर भी है, जिसमें पैसा भी है और शोहरत भी।
योग्यता
संगीत की बारीकियों को समझने के लिए इसमें प्रशिक्षण अत्यंत ही जरूरी है। यह एक साधना की तरह है, जिसमें सफलता आपके कठोर परिश्रम पर निर्भर करती है। रोजाना अभ्यास के अलावा संगीत की विभिन्न विधाओं की समझ जरूरी है। शैक्षणिक योग्यता संस्थान और कोर्स के स्वरूप पर निर्भर करती है।
मौके
इस फील्ड में मौकों की कोई कमी नहीं है। गायन के क्षेत्र में तो दरवाजे खुले ही रहते हैं, एलबम, स्टेज शो और विज्ञापनों में भी मौके मिलते हैं। आप चाहें तो संगीत शिक्षक बनकर अपने कैरियर को दिशा दे सकते हैं या फिर संगीतकार या म्यूजिक थेरेपिस्ट के रूप में भी भविष्य की रूपरेखा तय कर सकते हैं।
मुख्य संस्थान
-संगीत रिसर्च अकादमी, कोलकाता, द्दसंगीत निकेतन, दिल्ली, द्ददिल्ली विश्वविद्यालय, नई दिल्ली
-इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, राजनंदगांव (छत्तीसगढ़) द्दबनस्थली विद्यापीठ, जयपुर (राजस्थान)
रेडियो जॉकी
एफएम रेडियो के विस्तार से रेडियो की सुस्त चाल एकदम से तेज हो उठी है। इसी से उत्पन्न हुआ है रेडियो जॉकी (आरजे) का प्रभावशाली व्यवसाय, जो युवाओं में अत्यंत ही लोकप्रिय है। संगीत के साथ चुटीले अंदाज में रेडियो पर किसी कार्यक्रम को पेश करना ही आरजे का मुख्य काम है। इसके अलावा मौसम का हाल, ट्रैफिक, आसपास की घटनाएं, लोगों से इंटरव्यू आदि बातें इसके कार्यक्षेत्र में आती हैं।
योग्यता
आरजे के लिए जरूरी है कि वह एक बेहतरीन आवाज का स्वामी हो। वाद-संवाद का उसका खास अंदाज हो और श्रोताओं से सीधे जुड़ने की क्षमता हो। एक से अधिक भाषा का ज्ञान व क्षेत्रीय भाषा की समझ से सफलता की संभावना बढ़ जाती है। संस्थान और कोर्स के अनुसार शैक्षणिक योग्यता अलग-अलग हो सकती है।
मौके
आकाशवाणी के विभिन्न केंद्रों में तो मौके हैं ही, विभिन्न शहरों में खुलने वाले एफएम रेडियो में भी अवसर हैं। इसके अलावा आजकल कम्युनिटी रेडियो के चलन ने भी आरजे के लिए मौकों में इजाफा किया है।
मुख्य संस्थान
-एकेडमी ऑफ रेडियो मैनेजमेंट, नई दिल्ली
-एकेडमी ऑफ ब्रॉडकास्टिंग, चंडीगढ़
-स्पैरो एक्सप्रेशंस इंस्टीट्यूट फॉर रेडियो ऐंड ब्रॉडकास्टिंग, लखनऊ
-जेवियर इंस्टीट्यूट ऑफ कम्युनिकेशन, मुंबई
डबिंग आर्टिस्ट
डबिंग आर्टिस्ट वो कलाकार है जो परदे के पीछे से अपनी आवाज के बल पर दृश्यों को सजीव करता है। तात्पर्य है कि डबिंग आर्टिस्ट बिना कैमरे का सामना किए कमेंट्री प्रस्तुत करता है। ऐसे कलाकार को वाचक, ध्वनि कलाकार, उद्घोषक आदि के नाम से भी जाना जाता है। डबिंग आर्टिस्ट का मुख्य कार्य है, संवाद के लिए आवाज पेश करना। यह आवश्यक नहीं कि डबिंग आर्टिस्ट अपना संवाद खुद तैयार करे।
योग्यता
डबिंग आर्टिस्ट के लिए भाषा का अच्छा ज्ञान होना चाहिए। आवाज में उतार-चढ़ाव यानी वॉयस मॉड्यूलेशन की समझ जरूरी है, यानी संवाद पेश करके पात्रों को सजीव करने की कला आनी चाहिए। इसके तहत कोर्सेज के लिए संस्थान के अनुसार शैक्षणिक योग्यता अलग-अलग हो सकती है।
मौके
ऐसे प्रोफेशनल्स को टेलीविजन व फिल्मों में सबसे ज्यादा मौके मिलते हैं। इसके अलावा कार्टून या एनिमेटेड फिल्मों में इनकी सबसे ज्यादा जरूरत महसूस की जाती है। कार्टून चैनलों में तो इनकी जरूरत बनी ही रहती है। इसके अलावा, डॉक्यूमेंट्री व विज्ञापन एजेंसियों में भी अवसर बने रहते हैं। इंटरैक्टिव वॉयस रिस्पॉन्स सिस्टम के अंतर्गत भी अभ्यर्थियों को मौके मिल सकते हैं।
मुख्य संस्थान
-इंस्टीट्यूट ऑफ वॉयस मॉड्यूलेशन, बेंगलुरु
-दि सेंटर फॉर वॉयस ऐंड परफॉर्मेंस एम्पॉवरमेंट, मुंबई
-एशियन एकेडमी ऑफ फिल्म ऐंड टेलीविजन, नोएडा
-आईएसओएमईएस, बैग फिल्म्स, नोएडा (उत्तर प्रदेश)
(गीतांजलि कुमार,अमर उजाला,4.1.11)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।