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07 जनवरी 2011

स्पेशल एजुकेशन में डिप्लोमा पाठ्यक्रम

कैरियर के दृष्टिकोण से टीचिंग सदाबहार है, क्योंकि इसके अंतर्गत लगभग प्रत्येक फील्ड में मांग हमेशा बनी रहती है। इस दृष्टि से खास जरूरत के अनुसार बच्चों को शिक्षा देने के लिए बनाए गए डिप्लोमा कोर्सेज इन स्पेशल एजुकेशन काफी महत्वपूर्ण हैं। ये पाठ्यक्रम भारत सरकार के सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय के तहत रिहैबिलिटेशन काउंसिल ऑफ इंडिया (आरसीआई) द्वारा चलाए जा रहे हैं।

कैसे-कैसे कोर्स
शैक्षणिक सत्र 2011-12 के लिए तीन तरह के पाठ्यक्रम हैं- 1. डिप्लोमा इन एजुकेशन - स्पेशल एजुकेशन (मेंटल रिटार्डेशन), 2. डिप्लोमा इन एजुकेशन - स्पेशल एजुकेशन (डेफ ऐंड हार्ड ऑफ हियरिंग), 3. डिप्लोमा इन एजुकेशन - स्पेशल एजुकेशन (विजुअल इम्पेयरमेंट)।

योग्यता
इन पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए अभ्यर्थी को किसी भी संकाय से 12वीं उत्तीर्ण होना चाहिए। जो छात्र 12वीं दे रहे हैं, वे भी इस परीक्षा में बैठ सकते हैं।

चयन-प्रक्रिया

इन पाठ्यक्रमों में नामांकन के लिए छात्रों को विभिन्न केंद्रों पर होने वाले ऑल इंडिया ऑनलाइन एप्टीट्यूड टेस्ट से गुजरना होगा। अभ्यर्थी यदि चाहे तो टेस्ट शुरू होने से 30 मिनट पहले मॉक/सैंपल ऑनलाइन टेस्ट भी दे सकता है।

आवेदन कैसे करें
निर्धारित प्रारूप के अनुसार आवेदन-पत्र को दिए गए पते (सैटवेट) पर भेजें। आवेदन-पत्र को वेबसाइट से डाउनलोड भी किया जा सकता है। इसके अलावा ऑनलाइन आवेदन की भी सुविधा है(अमर उजाला,4.1.11)।

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