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26 जनवरी 2011

बेरोजगारी का समाधान तलाशेंगे दिग्गज

दुनिया भर के करीब 2,500 नेता, उद्योगपति और आर्थिक विश्लेषक अगले पांच दिन तक बर्फ से ढंके आल्प्स में वैश्विक अर्थव्यवस्था के भविष्य पर चर्चा करेंगे। सभी की चिंता इस बात को लेकर है कि विकसित राष्ट्रों में आर्थिक वृद्धि रोजगार के समुचित मौके पैदा नहीं कर पा रही है। जिनेवा का विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) इन पांच दिनों के दौरान दुनिया की शीर्ष 1,000 कंपनियों के 1,400 अधिकारियों, 30 देशों की सरकार प्रमुखों, शिक्षाविदें, कलाकारों, धर्म गुरुओं की मेहमाननवाजी करेगा। भारतीय प्रनिधिमंडल के 130 सदस्य इस बैठक में भागीदारी कर रहे हैं। यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब वैश्विक अर्थव्यवस्था मंदी से पूरी तरह उबर नहीं पाई है। विकासशील देशों की अर्थव्यवस्था की हालत में जो सुधार आया है उसकी मुख्य वजह घरेलू मांग है। मगर पश्चिमी अर्थव्यवस्थाओं के पटरी पर लौटने की रफ्तार काफी धीमी है। बेरोजगारी की ऊंची दर की वजह से आज दुनिया भर में आर्थिक वृद्धि का लाभ हर आदमी तक पहुंचाने की चर्चा होने लगी है। अमेरिका में बेरोजगारी की दर का आंकड़ा तो 10 प्रतिशत पर पहुंच गया है। इस साल प्रमुख चुनौती नौकरियों के सृजन के साथ आर्थिक वृद्धि को आगे बढ़ाने की होगी। दावोस में होने वाली बातचीत में निश्चित रूप से एशिया की आर्थिक ताकतों चीन और भारत का उल्लेख होगा। चीन की आर्थिक वृद्धि दर जहां 10 प्रतिशत पर है, वहीं भारत की आर्थिक वृद्धि दर 8.8 से 9 प्रतिशत रहने का अनुमान है। विश्व बैंक के अनुमान के अनुसार, 2010 में वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 3.9 प्रतिशत रही है। मगर यह रफ्तार इतनी नहीं है कि इससे नौकरियों का सृजन हो सके। चीन के बाद भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। भारतीय प्रतिनिधिमंडल में 125 मुख्य कार्यकारी अधिकारी और कई वरिष्ठ मंत्री शामिल हैं। इनमें गृह मंत्री पी चिदंबरम, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनंद शर्मा, शहरी विकास मंत्री कमलनाथ और भारी उद्योग मंत्री प्रफुल्ल पटेल शामिल हैं। भारतीय उद्योग जगत न केवल वैश्विक सीईओ के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चर्चाओं में भागीदारी करेगा बल्कि रात में होने वाली पार्टियां और अन्य कार्यक्रमों में भी उनकी हिस्सेदारी होगी। इस दौरान बॉलीवुड नाइट का भी आयोजन किया जा रहा है। प्रसिद्ध संगीत निर्देशक ए आर रहमान इस दौरान प्रस्तुतीकरण देंगे। इस साल की बैठक में भारत को सह अध्यक्षता का सम्मान मिला है। आइसीआइसीआइ बैंक की चंदा कोचर मित्सुबिशी कॉरपोरेशन के चेयरमैन योरिहिको कोजिमा, नेस्ले के सीईओ पॉल बुलके, ड्यूपॉन्ट के सीईओ एलन कुलमैन और चाइना ओशन शिपिंग ग्रुप कंपनी के वई ज्याफू के साथ बैठक की सह अध्यक्षता करेंगी। कोचर ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था लाखों की युवा आबादी और बढ़ते निवेश की वजह से खपत के कारण आगे बढ़ती रहेगी। भारत काफी युवा देश है। यह कई दशकों तक ऐसा ही रहेगा। इसका मतलब है कि लाखों का श्रमबल खपत करेगा और मांग बढ़ेगी। डब्ल्यूईएफ पिछले 40 साल से इस जमा देने वाली ठंड में सालाना कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है। इस बार बैठक की थीम नई वास्तविकता के लिए भागीदारी नियम है। बैठक में दुनिया की 20 देशों की सरकारों के प्रमुख भाग ले रहे हैं, पर आकर्षण का केंद्र निश्चित रूप से फ्रांस के राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी, रूस के राष्ट्रपति दिमित्रि मेदवेदेव, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरून और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जी जुमा होंगे(दैनिक जागरण,राष्ट्रीय संस्करण,26.1.11 में दावोस से रिपोर्ट)।

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