निजी बीएड कालेजों की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही है। काउंसिलिंग में बीएड सीट आवंटित होने और शुल्क जमा करने के बाद भी छात्रा को प्रवेश नहीं दिया। यहीं नहीं निजी कॉलेज ने छात्रा को गैरहाजिर दिखा कर प्रबंधन कोटे के तहत आवंटित सीट पर किसी दूसरे छात्र से मोटी फीस लेकर प्रवेश दे दिया।
विकास नगर निवासी छात्रा आभा सिंह को सत्र २०१० में छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर में हुई बीएड की तीसरी काउंसिलिंग के दौरान मेरठ के डिफेंस इनक्लेव इलाके में स्थिति एक निजी बीएड कॉलेज की सीट आवंटित हुई थी। छात्रा ने प्रवेश के लिए तय शुल्क ३०,३५९ का ड्राफ्ट जमा कर दिया था। उसने बताया कि २७ नवंबर को कॉलेज में उपस्थित दर्ज कराने के बाद प्रशासन ने २२ दिसंबर के बाद प्रवेश संबंधी औपचारिकताएं पूरी करने के लिए बुलाने की बात कही थी। २४ दिसंबर तक जब कोई कॉल नहीं आई तो उसने कॉलेज में संपर्क करने की कोशिश की लेकिन फोन नहीं उठा। तीन जनवरी को जब किसी तरह कॉलेज प्रबंधन से फोन पर संपर्क हुआ तो उसे बताया गया कि तय समय तक रिपोर्टिंग न किए जाने के कारण छात्रा को आवंटित सीट निरस्त कर उसे प्रबंधन कोटे में स्थानांतरित कर प्रवेश प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। अब छात्रा ने कुल सचिव को पत्र भेजकर कॉलेज के खिलाफ कार्रवाई की गुहार लगाई है। भेजे शिकायत पत्र में संबंधित बीएड कॉलेज पर धोखा देने और साल खराब करने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई करने की मांग की है। इसके साथ ही प्रवेश न मिलने की स्थिति में जमा शुल्क राशि वापस दिलवाने की गुहार लगाई है(अमर उजाला,लखनऊ,7.1.11)।
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