नर्सरी दाखिले की दौड़ जोर-शोर से चल रही है। पर दाखिले के दौरान अभिभावकों की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। शुरू में जहां फॉर्म के साथ प्रॉस्पेक्ट्स लेना स्कूलों ने अनिवार्य कर रखा था साथ ही फॉर्म लेने के लिए भी अभिभावकों को खासी मशक्कत करनी पड़ रही थी। वहीं फॉर्म जमा करने के लिए भी अभिभावकों को बड़ी परेशानियों से दो-चार होना पड़ रहा था। वहीं अब स्कूलों ने फीस वापस न करने की बात कह अभिभावकों को मुसीबत में डाल दिया है।
बात दरअसल ये है कि वसंत विहार स्थित टैगोर इंटरनेशनल ने अपनी बेवसाइट पर साफ-साफ लिख दिया है कि एक बार फीस जमा होने के बाद वापस नहीं की जाएगी। वहीं फीस कैश में अदा करनी होगी। एक अभिभावक पंकज आनंद का कहना है कि बड़ी परेशानी ये है कि स्कूल हर कदम पर अपनी मनमानी कर रहे हैं। अगर स्कूल फीस वापस नहीं करेंगे तो इससे काफी नुकसान हो जाएगा क्योंकि मैंने दो से तीन स्कूलों के फॉर्म भर रखे हैं ऐसे में मेरे बच्चे का जिस भी स्कूल में दाखिला हो जाएगा, मैं सीट बुक कराने के लिए सुरक्षित कदम उठाते हुए फीस तो अदा करूंगा। लेकिन स्कूल का ये फरमान मेरी मुश्किल को बढ़ा रहा है।
दिल्ली पब्लिक स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष आर.सी.जैन कहते हैं कि अगर कोई अभिभावक अपने बच्चे को स्कूल में दाखिला दिलाता है और एक माह के अंदर वह फीस वापस ले सकता है। उन्होंने कहा कि स्कूल से एडमिशन फीस काटकर शेष फीस वापस ले सकता है। उन्होंने कहा कि मैं व्यक्तिगत तौर पर मानता हूं कि एक माह के अंदर भी फीस काटनी नहीं चाहिए क्योंकि पढ़ाई तो अप्रैल से शुरू होती है। एजुकेशन फॉर ऑल संस्था चलाने वाले सुमित वोहरा कहते हैं कि स्कूल हर कदम पर नियमों की नाफरमानी कर रहे हैं और उन्हें रोकने वाला कोई नहीं है। उन पर सख्त लगाम लगाने की आवश्यकता है। स्कूल लगातार अभिभावकों को प्रताड़ित कर रहे हैं। ऐसे में सरकार को सख्ती बरतनी होगी। सिर्फ कुछ स्कूलों को नोटिस देने से बहुत कुछ नहीं होने वाला है(लाईव हिंदुस्तान डॉटकॉम,12.1.11)।
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